बिश्रामपुर में निकाली गई महाप्रभु जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा
संवाददाता कौशल प्रजापति
सूरजपुर इस वर्ष छत्तीसगढ़ के कोयलांचल क्षेत्र के बिश्रामपुर में महाप्रभु जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा अत्यंत उत्साह, आस्था और भक्ति भावना के साथ निकाली गई। इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु, स्थानीय नागरिक, युवा, महिला मंडल और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। पूरा परिसर 'जय जगन्नाथ', 'हरे रामा खरगोश कृष्ण' जैसे धार्मिक नारों से गूंज उठा।
परंपराओं का एक रोचक मोड़ बिश्रामपुर की यह रथ यात्रा स्थानीय परंपराओं और आस्था का जीवंत उदाहरण बन गई है। हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन निकाली जाने वाली यह रथ यात्रा क्षेत्र के लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को एक विशेष रूप से सुसज्जित रथ में विराजमान कर पूरे शहर में घुमाया जाता है।
रथयात्रा शहर के मुख्य मंदिर परिसर से शुरू हुई। सबसे पहले भगवान को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद रथ पर विराजमान किया गया। इसके बाद भक्तों ने घंटियों, शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच रथ को खींचा। रास्ते में श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए पुष्प वर्षा करते हुए चल रहे थे।
यह रथ यात्रा शुक्रवार 27 जून को जगन्नाथ मंदिर बिश्रामपुर से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार से होते हुए सरस्वती मंदिर (मौसी का घर), आरटीआई कॉलोनी तक पहुंची। रथ के सौंदर्यीकरण से लेकर मंदिर के रंग-रोगन तक की सारी व्यवस्था उत्कल समाज के समर्पित लोगों ने की।
प्रशासन सतर्क रहा रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नगर पंचायत और नगर पालिका ने सड़कों की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया। रथ यात्रा के दौरान गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
बिश्रामपुर थाना प्रभारी ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। भीड़ की निगरानी कैमरों से की गई। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए महिला पुलिस कर्मियों को भी भेजा गया था।
जगन्नाथ रथ यात्रा की प्रामाणिक परंपरा "छेरा पहरा" इस बार शाही परिवार के एक रिश्तेदार श्री अखिलेश प्रताप सिंह द्वारा बखूबी निभाई गई। यह अवसर सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का प्रतीक बन गया।
राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही इस भव्य यात्रा में क्षेत्र और विभाग के कई प्रमुख नेताओं और अधिकारियों की उपस्थिति ने इस अवसर को विशेष बना दिया।
सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, कैबिनेट मंत्री श्रीमती. लक्ष्मी राजवाड़े, प्रेमनगर विधायक भूलन सिंह मरावी, सोनहत विधायक श्रीमती. -रेणुका सिंह, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष श्रीमती। चंद्रमणि पैंकरा, बिश्रामपुर क्षेत्र के महासचिव डॉ. संजय कुमार सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाष गोयल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सत्यनारायण जयसवाल, कलेक्टर एस. जयवर्धन, पुलिस निदेशक प्रशांत कुमार ठाकुर।
उत्कल समाज का सक्रिय सहयोग इस अवसर पर उत्कल समाज के पदाधिकारियों एवं व्यक्तियों की प्रतिबद्धता सराहनीय रही। मूलतः सेनापति प्रधान, अशोक सवाई, सूरज सेठी, अलंकार नायक, विशाल सवाई, प्रभाकर सवाई, शितिकांत सवाई, प्रदीप त्रिपाठी, सुरेशन सवाई।
बिसरामपुर की जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव थी, बल्कि सामाजिक और सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में भी उभरी। जनता और संगठन की मौजूदगी ने इसे असाधारण समर्पण और शिक्षा का उत्सव बना दिया। हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ ने दिखा दिया कि कोयलांचल की यात्रा धार्मिक एकता और परंपरा का जीवंत उदाहरण है।