नौकरी के नाम पर वसूली का पर्दाफाश: फर्जी 'प्रदेश अध्यक्ष' ने बेरोजगार युवक से ठगे 3 लाख रुपए, एफआईआर दर्ज.
सूरजपुर/छत्तीसगढ सरकारी नौकरी के नाम पर युवाओं से लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक शातिर जालसाज का पर्दाफाश किया गया है। कस्बा सपकरा निवासी रमेश कुमार ने सूरजपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है कि हेमंत नेताम नाम के युवक ने खुद को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाया। आदिवासी उत्थान संस्थान छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष”, उन्होंने उन्हें वन विभाग में वन संरक्षक का काम दिलाने का वादा किया और उनसे 3 लाख रुपये ठग लिए।
धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट: पहले दिखावे से विश्वास करो, फिर विश्वासघात करो- रमेश कुमार ने बताया कि हेमंत नेताम उसका पुराना साथी है, जो पहले विश्रामपुर के एक स्कूल में उसका सहपाठी था। दिसंबर 2021 में आयोजित बैठक में हेमंत ने खुद को आदिवासी उत्थान संस्थान का प्रदेश अध्यक्ष और प्रभावशाली पुजारियों से करीबी संबंध रखने वाला व्यक्ति बताया। इस दौरान जब रमेश ने उसे बताया कि उसने वन संरक्षण के लिए भर्ती के लिए आवेदन किया है, तो हेमंत ने कहा कि वह उसे 6 लाख रुपये में काम दिलवा सकता है।
रमेश के मुताबिक 27 जनवरी 2022 को वह अपने रिश्तेदार गौतम प्रसाद के साथ हेमंत के घर गया था, जहां उसने हेमंत के सूरजपुर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में आरटीजीएस के जरिए 3 लाख रुपये ट्रांसफर किए। यह रकम देने के बाद हेमंत उसे गलत जानकारियां देने लगा - कभी कहता कि उसका नाम चयन सूची में आ गया है, तो कभी कहता कि सेवा सूची में पास हो गई है। इसके बाद जब रमेश ने बाकी रकम देने से मना कर दिया तो हेमंत ने कहा कि वह अक्टूबर 2022 में पैसे लौटा देगा। लेकिन न तो उसे काम मिला और न ही पैसे वापस मिले।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा, एफआईआर दर्ज: शिकायत के आधार पर राइट हैंड सब ऑडिटर नंदलाल सिंह द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। हेमंत नेताम द्वारा नौकरी दिलाने का गलत वादा कर 3 लाख रुपए की ठगी करना साबित हुआ। आरोपी के खिलाफ सूरजपुर थाने में आईपीसी की धारा 420 (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज हो चुका है, मामले का जांच शुरू।
बड़ा खुलासा: क्या यह एक अकेला मामला है या फिर पूरी तरह से फिरौती की साजिश?- हेमंत नेताम द्वारा खुद को एक संगठन का प्रदेश अध्यक्ष बताकर नेताओं के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को झांसा देना और बेरोजगारों से लाखों की वसूली करना इस बात का संकेत है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध नहीं बल्कि एक सुनियोजित रैकेट का हिस्सा हो सकता है। अब देखना यह है कि पुलिस की जांच इस दिशा में आगे बढ़ती है या नहीं।
आवेदक की मांग: सख्त कानूनी कार्रवाई हो - रमेश कुमार ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तथा इस तरह की लूट के अन्य पीड़ितों की भी पहचान कर उन्हें न्याय दिलाया जाए।
सावधान! नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाज सक्रिय हैं: यह घटना छत्तीसगढ़ के हजारों बेरोजगार युवाओं के लिए चेतावनी है। यदि कोई व्यक्ति किसी पद, संपर्क या संस्था के नाम का उपयोग कर नौकरी दिलाने का दावा करता है, तो बिना लिखित पुष्टि और कानूनी वैधता के उस पर विश्वास न करें।
क्या सूरजपुर पुलिस इस रंगदारी मामले को सलाखों के पीछे भेज पाएगी या फिर यह मामला भी अन्य रंगदारी मामलों की तरह ही बंद हो जाएगा?
आपकी सजगता ही आपका भरोसा है! अगला शिकार न बनें!