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तेंदूपत्ता खरीदी में फड़ मुंशी की मनमानी, दबंगई, भ्रष्टाचार और गरीबों के हक पर डाका डालने से ग्रामीणों में आक्रोश

 

Villagers are angry due to the arbitrary behaviour, highhandedness, corruption and robbery of the rights of the poor by the Phad Munshi in the purchase of Tendu leaves



सूरजपुर, 21 मई 2025 सूरजपुर जिले के जनपद पंचायत प्रतापपुर के ग्राम पंचायत भेलकच्छ में फड़ मुंशी संजय कुमार यादव की मनमानी और मनमानी ने पूरे तेंदूपत्ता खरीदी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि जब खरीदी का समय मात्र 3 दिन है, तब गांव के कई लोग 1000, 700, 300 पत्ते ही तोड़ पाए थे, जबकि मुंशी यादव ने रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से 10 हजार बंडल तेंदू पत्ता लाकर स्टोर में जमा कर दिया। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि गांव के सैकड़ों गरीब आदिवासी मजदूरों के हक पर सीधी डकैती भी है। ग्रामीणों की गवाही ग्रामीणों ने बताया कि 18 मई की रात करीब 12 बजे दो ट्रैक्टरों में पत्ते लाकर निजी खलिहान में सुखाए जा रहे थे।



ग्रामीणों की गवाही।

ग्रामीणों ने बताया कि दिनांक 18 मई की रात करीब 12 बजे दो ट्रैक्टरों से पत्ता लाकर निजी खलिहान में सुखाया जा रहा था। जब ग्रामवासी मौके पर पहुँचे, तो फड़ में कोई पत्ता नहीं मिला, जबकि निजी स्थान पर भारी मात्रा में गड्डियाँ पाई गईं। सुबह पोषक अधिकारी मखा नरानी, आबकारी अधिकारी महेश व एडीबी प्रभारी के साथ पंचनामा बनाकर पत्तों को जब्त किया गया।

Villagers are angry due to the arbitrary behaviour, highhandedness, corruption and robbery of the rights of the poor by the Phad Munshi in the purchase of Tendu leaves


ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो खलिहान में पत्ते नहीं मिले, जबकि निजी स्थान पर बड़ी संख्या में बंडल मिले। सुबह पोषण अधिकारी माखा नाराणी, आबकारी अधिकारी महेश व एडीबी प्रभारी द्वारा पंचनामा बनाकर पत्तों को जब्त किया गया।


पुराने आरोपों की फेहरिस्त लंबी है। यह कोई पहली घटना नहीं है। दरअसल जब संजय कुमार यादव नगर पालिका अध्यक्ष और प्रतिनिधि सरपंच थे, तब गांव में कराए गए विकास कार्यों- सड़क, पुल-पुलिया आदि में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि वह विरोध करने वालों को बदनाम करते हैं, विरोध करने वालों को बदनाम करते हैं और झूठे मामलों में फंसाने की बात करते हैं, जिससे गांव में भय और दहशत का माहौल बना हुआ है।


ग्रामीणों ने कहा हमें ऐसा धंधा नहीं चाहिए' तेंदू की कटाई करना साल भर बेसहारा आदिवासी कृषकों के लिए भरोसेमंद काम है। राज्य सरकार इस योजना के जरिए उनके धंधे में बदलाव लाती है। लेकिन जब कोई फड़ मुंशी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है तो ग्रामीण कहते हैं-'अगर ऐसा ही होना है तो कटाई बंद कर दो, हमें ऐसा शर्मनाक काम नहीं चाहिए।' 


अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद क्या दबंग क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर अन्य मामलों की तरह इस मामले को भी खत्म कर दिया जाएगा।




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