सूरजपुर, 24 मई 2025 वन विभाग एवं वन्य जीव नियंत्रण ब्यूरो की संयुक्त टीम ने एक बार फिर क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे वन्य जीवों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कुदरगढ़-भैयाथान मार्ग पर चापड़ा चौक के शिव मंदिर के पास बाइक सवार एक व्यक्ति को तेंदुआ की खाल के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। मुखबिर की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने खाल को जब्त कर आरोपी को हिरासत में लेकर वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत जेल भेज दिया। बहरहाल, इस प्रभावी कार्रवाई के बावजूद सूरजपुर वन्य जीव संभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विभाग की लचर कार्यप्रणाली एवं वन्य जीव संरक्षण में विफलता को लेकर आसपास के लोग एवं वन्य जीव विशेषज्ञ नाराज हैं।
चपड़ा चौक पर नाकाबंदी
तस्कर पकड़ा गया प्रत्यक्षदर्शी से मिली जानकारी के आधार पर वन विभाग अधिकारी के निर्देशन में वन्य जीव नियंत्रण ब्यूरो और वन विभाग की संयुक्त टीम ने कुदरगढ़-भैयाथान मार्ग पर चपड़ा चौक के पास शिव मंदिर के पास नाकाबंदी की। बाइक सवार आरोपी को तेंदुआ की खाल के साथ पकड़ा गया। खाल को जब्त कर आरोपी को जिला मुख्यालय लाया गया, जहां वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया।
वन विभाग की लापरवाही उजागर यह घटना सूरजपुर वन मंडल में वन्यजीव संरक्षण को लेकर बार-बार सामने आ रही खामियों को उजागर करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष, वाहन दुर्घटना और वन्य जीवों के मारे जाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में कई वन्यजीवों के मारे जाने की खबरें आ चुकी हैं, लेकिन विभाग ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में जंगल राज का माहौल है और धावक बेखौफ होकर अपना अभ्यास कर रहे हैं।
वन विभाग की नाकामी उजागर हुई
यह घटना सूरजपुर वन्य जीव संरक्षण के मामले में लगातार सामने आ रही खामियों को उजागर करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन्य जीव संघर्ष, वाहन दुर्घटना में वन्यजीवों की मौत और चोरी-छिपे शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में कई वन्यजीवों की मौत की खबरें आ चुकी हैं, लेकिन विभाग ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। ग्रामीणों का कहना है कि वन क्षेत्र में जंगल राज का माहौल है और तस्कर बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
तस्करी का बढ़ता जाल तेंदुआ की खाल और उसके शरीर के अन्य अंगों की तस्करी का जाल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है। पारंपरिक उत्पादों, सजावटी वस्तुओं और अवैध व्यापार के लिए दुनिया भर के बाजारों में इनकी मांग है। सूरजपुर जैसे घने जंगल वाले इलाके तस्करों के लिए आसान शिकार बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तस्करी को रोकने के लिए जासूसी तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
चपड़ा चौक पर हुई इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि वन्यजीवों के मारे जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि विभाग को न केवल शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि जंगल की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए।
चुनौती बरकरार, वन विभाग ने बटोरी वाहवाही यह घटना सूरजपुर वन विभाग में वन्यजीव संरक्षण की वास्तविक चुनौतियों को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि चोरी-छिपे शिकार रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने, स्थानीय समुदाय को जागरूक करने और विभागीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की जरूरत है। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए दीर्घकालिक उपाय करने होंगे। बहरहाल, वन विभाग अपनी लापरवाही या लापरवाही को छिपाने और इस काम के जरिए वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की मांग है कि वन विभाग अपनी कार्यशैली में सुधार लाए और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करे, ताकि जंगल से 'जंगल राज' की कहावत खत्म हो सके।