पंचायत सचिव की लापरवाही से ठप विकास कार्य, ग्रामीणों में बढ़ा आक्रोश
प्रतापपुर (CG NEWS) जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत केरता इन दिनों पंचायत सचिव की लापरवाही और गैरहाजिरी के कारण विकास कार्यों की गंभीर समस्या से जूझ रही है। पंचायत सचिव मोहरलाल राजवाड़े के नियमित रूप से मुख्यालय में उपस्थित न होने की वजह से पंचायत से जुड़े सभी काम ठप पड़ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव निजी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में व्यस्त रहते हैं और महीनों से पंचायत भवन में नजर नहीं आते।
योजनाओं पर असर, ग्रामीण हो रहे परेशान
सचिव की गैरमौजूदगी का सीधा असर पंचायत की योजनाओं पर पड़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड सुधार समेत कई बुनियादी सुविधाओं से जुड़े फाइलों पर काम अधर में लटका हुआ है। समय पर भुगतान न होने से मजदूर आर्थिक तंगी झेल रहे हैं और पात्र हितग्राहियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा।
स्थानीय सरपंच लक्ष्मी आयाम और पंचों का कहना है कि सचिव केवल औपचारिक हाजिरी दर्ज कर लेते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर पंचायत में दिखाई ही नहीं देते। ग्रामीणों ने बताया कि सचिव की इस लापरवाही से विकास कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
रोजगार सहायक पर बढ़ा बोझ
प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी अब रोजगार सहायक के भरोसे चल रहे हैं। रोजगार सहायक ने स्वीकार किया कि सचिव पंचायत में आते ही नहीं हैं, जिसके कारण आवास योजना की पूरी जिम्मेदारी अकेले उन पर आ गई है। इससे यह साफ होता है कि सचिव ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी समय पर दिलाने में असफल साबित हो रहे हैं।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
सरपंच लक्ष्मी आयाम ने बताया कि सचिव की अनुपस्थिति को लेकर कई बार मौखिक शिकायतें की गईं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही। मजबूर होकर अब उन्होंने जनपद पंचायत प्रतापपुर और जिला पंचायत सुरजपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
जनपद सीईओ ने दिया आश्वासन
इस मामले पर जनपद पंचायत प्रतापपुर के सीईओ डॉ. नृपेंद्र सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत केरता में सचिव की लगातार अनुपस्थिति और कार्य न करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इस संबंध में जिला पंचायत को कार्रवाई हेतु पत्र लिखा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों के विकास कार्यों में बाधा नहीं आने दी जाएगी और सचिव की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ग्राम पंचायत केरता की स्थिति एक बार फिर पंचायत सचिवों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। जहां जिला प्रशासन प्रधानमंत्री आवास योजना को पूरा कराने में सक्रिय दिख रहा है, वहीं सचिव की गैरजिम्मेदारी गरीब परिवारों को योजनाओं का लाभ मिलने से रोक रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए तो उन्हें बड़े आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।