भैयाथान।ग्राम पंचायत बड़सरा में पोषण विभाग की जांच में चना वितरण एवं पोषण अनाज आपूर्ति में बड़ी अनियमितता उजागर हुई है। बुधवार को पोषण समीक्षक अतुल गुप्ता एवं सुरेन्द्र कुर्रे द्वारा की गई जांच में पाया गया कि अप्रैल माह में हितग्राहियों से पीओएस मशीन पर अंगूठा लगवा लिया गया। चने का वितरण ऑनलाइन दर्ज कर लिया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर उन्हें चना नहीं दिया गया।
चौंकाने वाली बात यह है कि संबंधित दुकान को अप्रैल माह में चने का आवंटन ही नहीं मिला, इसके बावजूद 663 लाभार्थियों को चना बांट दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अप्रैल माह का चना आज तक नहीं मिला है।
जांच के दौरान पूर्व राशन दुकान संचालक विश्वनाथ ने भी बताया कि 67 क्विंटल चावल कम है, जिसे वर्तमान संचालक रामनारायण राजवाड़े को दे दिया गया है। इस मामले में भी संदिग्ध लेनदेन की बात सामने आई है।
इसके अलावा प्रशासक द्वारा मृतक के अभ्यर्थी के नाम पर अंगूठा लगवाकर खाद्यान्न उठा लेने का मामला भी प्रकाश में आया है। जिसमें अभ्यर्थी बाबूलाल का नाम शामिल था। उसने जांच टीम को बताया कि मेरी मां के निधन के करीब 10 साल बाद दो साल पहले मैंने कार्ड मिटाने के लिए अपना नाम राशन कार्ड प्रशासक को दिया था, लेकिन प्रशासक ने नाम नहीं मिटाया। जब भी मैं अपने कार्ड पर अंशदान लेने आता था तो वे गलत तरीके से कार्ड पर अंगूठा लगवा लेते थे और उस अंशदान कार्ड से भी खाद्यान्न उठा लेते थे। इस बात की जानकारी मुझे तब हुई जब मुझे चना नहीं मिला। जिरह के दौरान प्रशासक ने माना कि पांच माह से गड़बड़ी कर चना उठाया जा रहा था। इसका लिखित स्पष्टीकरण दर्ज किया गया।
पोषण टीम ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार करते हुए स्पष्टीकरण और पंचनामा बनाते हुए रिपोर्ट जब्त कर ली है। मामले की वास्तविकता को देखते हुए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है। आने वाले दिनों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।
इस अध्ययन ने ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य वितरण प्रणाली को उजागर किया तथा प्रणाली में गहरी जड़ें जमाए हुए भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया।