छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी किसान पर सीधा हमला
रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ विद्युत प्रशासनिक आयोग ने राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोग ने बताया कि घरेलू, कृषि और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को अब पहले से ज़्यादा भुगतान करना होगा।
आयोग के अनुसार, ये दरें राज्य की बिजली वितरण कंपनियों द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से बढ़ाई गई हैं। अप्रयुक्त दरों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है, जिसका उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ना निश्चित है।
बिजली दरों में क्या हुआ बदलाव
छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि बढ़ी हुई दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। दरों में वृद्धि इस प्रकार है
घरेलू उपभोक्ता प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे की वृद्धि।
गैर-घरेलू उपभोक्ता (कॉमर्शियल) औसतन 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि।
कृषि उपभोक्ता (पंप कनेक्शन) 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि।
इन दरों में वृद्धि को नियंत्रण कंपनियों के नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि यह संशोधन व्यापक बजटीय समीक्षा के बाद किया गया है।
किसानों पर सीधा असर
छत्तीसगढ़ एक ग्रामीण राज्य है। राज्य के लगभग 70% ग्रामीण परिवार बागवानी पर निर्भर हैं। कृषक, विशेष रूप से गर्मी और रबी के मौसम में, पानी की व्यवस्था के लिए बिजली पर निर्भर रहते हैं।
बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी छोटे और पिछड़े किसानों के लिए एक बड़ा झटका है। पहले से ही खाद, डीजल, बीज और कीटनाशकों की कीमतें बढ़ी हुई हैं, यह अतिरिक्त बोझ उनकी आर्थिक स्थिति को और खराब कर देगा।
छत्तीसगढ़ में आवासीय उपभोक्ताओं की एक बड़ी संख्या निचले और मध्यम वर्ग से आती है। इन वर्गों के लिए बिजली एक बुनियादी लाभ है, जिसका उपयोग पंखे, टीवी, फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन आदि में किया जाता है।
प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे की वृद्धि मामूली लग सकती है, लेकिन जब इसे मासिक उपयोग के संदर्भ में देखा जाए तो यह मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है।
उदाहरण के लिए
यदि किसी उपभोक्ता की मासिक खपत 200 यूनिट है और औसतन 15 पैसे की वृद्धि हुई है, तो उसे हर महीने ₹30 अतिरिक्त