जुलाई माह में PDS सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन – समस्त पात्र राशनकार्डधारियों को होगा लाभ
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के लोगों के लिए राहत की एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। जुलाई महीने में ओपन सार्वजनिक वितरण प्रणाली PDS के तहत कुल 816 किलोलीटर दीप ईंधन वितरित किया गया है। यह दीप ईंधन राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में वितरित किया जाएगा। इसे गैस कनेक्शन वाले राशन कार्ड धारकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे खास तौर पर लाखों ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को फायदा होगा, खासकर उन परिवारों को जिनके पास रसोई गैस की सुविधा है, लेकिन उन्हें अभी भी केरोसिन की जरूरत है।
भारत सरकार से केरोसिन आबंटन
छत्तीसगढ़ को यह आवंटन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए किया गया है। विभागीय अधिकारियों से सहमति जताते हुए निर्धारित कुल 816 किलोलीटर दीप ईंधन का वितरण पीडीएस उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से किया जाएगा। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि दीप ईंधन सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
खाद्य विभाग द्वारा निर्देश जारी
इस संबंध में राज्य खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इंद्रावती भवन रायपुर से सभी जिला कलेक्टरों और राज्य स्तरीय तेल उद्योग संचालकों को आधिकारिक पत्र जारी किया है। पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि दीप ईंधन वितरण का कार्य पारदर्शिता के साथ किया जाए, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे।
कौन होंगे पात्र
कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार सभी अंत्योदय अन्न योजना एवं जरूरतमंद श्रेणी के राशन कार्ड धारकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
नगरीय क्षेत्रों में – प्रत्येक राशनकार्डधारी को 1 लीटर केरोसिन प्रदान किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में – वह अनुसूचित क्षेत्र हो या गैर अनुसूचित 2 लीटर केरोसिन प्रति राशनकार्ड उपलब्ध होगा।
यह रूपरेखा गरीब और कम आय वाले परिवारों की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां खाना पकाने वाली गैस की आपूर्ति सीमित या अनियमित है।
गैस कनेक्शनधारियों को भी मिलेगा लाभ
एक महत्वपूर्ण निर्णय में इस बार गैर अनुसूचित क्षेत्रों से गैस कनेक्शन वाले राशन कार्ड धारकों को भी पात्र माना गया है और उन्हें भी गैस वितरण के लिए अनुमति दी गई है। पहले केवल उन्हीं ग्राहकों को गैस दी जाती थी। जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था। लेकिन अब हालात की सच्चाई को देखते हुए और ऊर्जा की विभिन्न जरूरतों को समझते हुए इस दायरे को भी बढ़ा दिया गया है।
आबंटन एवं वितरण करने का दिनांक
जुलाई महीने के लिए आवंटित दीप ईंधन का ओपन 31 जुलाई 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इसका मतलब है कि स्थानीय संगठन को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वीकृत राशि उचित मूल्य की दुकानों तक वितरित की जाए। यह समय पर पहुंचना चाहिए और लाभार्थियों को समय सीमा के भीतर डिलीवरी भी मिलनी चाहिए।
जिम्मेदारी एवं निगरानी की व्यवस्था
खाद्य विभाग ने सभी स्थानीय संगठनों और संबंधित अधिकारियों को वितरण प्रणाली पर कड़ी निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया है। वितरण के समय उचित मूल्य की दुकानों को पूरा रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा और यदि कोई शिकायत मिलती है तो उसकी जांच की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उचित मूल्य दुकानों की भूमिका
राज्य भर में फैली उचित मूल्य की दुकानों को इस वितरण कार्य में अहम भूमिका दी गई है। उन्हें न केवल स्टॉक की निगरानी करनी होगी, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों को सही मात्रा में वितरण सुनिश्चित करना होगा। वितरण कार्ड की पुष्टि के बाद ही लैंप ईंधन वितरित किया जाएगा। वितरण इस तरह से किया जाएगा कि कोई धोखाधड़ी न हो।
ऊर्जा संकट में राहत का कदम
देश और राज्य के कई हिस्सों में ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में बिजली और गैस की नियमित आपूर्ति नहीं है। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के तौर पर लैंप ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी योजनाएं न केवल वंचित इलाकों को राहत देती हैं बल्कि उन्हें ऊर्जा का सुरक्षित और सुलभ स्रोत भी देती हैं।
जनजागरूकता का भी होगा अभियान
पोषण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दीपदान को लेकर स्थानीय स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक योग्य लोग इसका लाभ उठा सकें। इस अभियान में पंचायत, नगरीय निकाय, व्यापारी और शेयर व्यापारी भी शामिल होंगे।