Pakistani hackers' cyber attack on Hemchand Yadav University's website raises questions on security system हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पाकिस्तानी हैकर्स का साइबर अटैक सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ के दुर्ग का प्रतिष्ठित हेमचंद यादव कॉलेज एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार इसकी वजह कोई शैक्षणिक उपलब्धि नहीं बल्कि एक बड़ा साइबर हमला है। खबरों के मुताबिक, कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट को पाकिस्तानी हैकर्स ने हैक कर लिया और वेबसाइट पर आपत्तिजनक शब्द पोस्ट कर दिए। साथ ही पाकिस्तान समर्थक संदेश और धमकी भरे संदेश भी पोस्ट किए। इस घटना ने न केवल कॉलेज प्रशासन बल्कि पूरे राज्य की शैक्षणिक और साइबर सुरक्षा व्यवस्था को भी खतरे में डाल दिया है।
घटना का जानकारी वेबसाइट पर पाकिस्तान समर्थित संदेश और अपशब्द
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह हैकिंग घटना 7 जुलाई 2025 की सुबह सामने आई, जब छात्रों और स्टाफ के लोगों ने कॉलेज की वेबसाइट खोलने की कोशिश की। वेबसाइट पर एक पाकिस्तानी हैल की तस्वीर, "HOAX 1137" हैकिंग ग्रुप का प्रतीक और भारत विरोधी संदेश दिखाई देने लगे।
साइट पर आपत्तिजनक भाषा, दुर्बल करने वाले संदेश और पाकिस्तान समर्थक तस्वीरें दिखाई गई, home पेज पूरी तरह से बर्बाद हो गया। साइट को तुरंत सर्वर से हटा दिया गया और डेवलपर्स की सहायता से मरम्मत का काम शुरू किया गया।
हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान
दुर्ग जिले में स्थित हेमचंद यादव कॉलेज, छत्तीसगढ़ के प्रमूख उच्च शिक्षा शिक्षण में गिना जाता है। इस कॉलेज से हजारों छात्र जुड़े हुए हैं। यह कॉलेज राज्य के कई कॉलेजों से जुड़ा हुआ है और छात्रों को पर्याप्त निर्देश देता है। ऑनलाइन पोर्टल, परीक्षा फॉर्म, रिजल्ट और मैट्रिक से जुड़ी सभी जानकारी वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराता है।
डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की अनदेखी
यह पहली बार नहीं है जब भारत की किसी शैक्षणिक या सरकारी वेबसाइट को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और कई राज्य सरकारों की वेबसाइट हैक हो चुकी हैं।
कुछ कारण हो सकता हैं
कमजोर सर्वर सुरक्षा
आउटडेटेड वेबसाइट तकनीक
नियमित साइबर ऑडिट की कमी
अनुभवी साइबर एक्सपर्ट्स की
प्रशासन की तुरंत की गई कार्रवाई
घटना के बारे में जानकारी मिलते ही कॉलेज प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से वेबसाइट को ऑफलाइन कर दिया। यूनिवर्सिटी के आईटी विभाग और साइबर विशेषज्ञों की एक टीम को सर्वर की सुरक्षा की जांच करने के लिए बुलाया गया है।
वेबसाइट को अस्थाई रूप से बंद किया गया
लॉग्स की जांच की जा रही है कि डेटा में किसी तरह की छेड़छाड़ हुई या नहीं
छात्रों और स्टाफ को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए मेल व नोटिस जारी किए गए हैं
क्या छात्रों का डाटा सुरक्षित है
हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि हैकर्स ने वेबसाइट के डेटाबेस में सेंध लगाई है या नहीं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि "अभी तक डेटा चोरी का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन गहन जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।" यह छात्रों के लिए चिंता का विषय भी है क्योंकि वेबसाइट पर उनके व्यक्तिगत विवरण, चेक शीट, बिल भुगतान डेटा और आधार नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी संग्रहीत है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर
साइबर हमले को अब सिर्फ़ एक विशेष मुद्दा नहीं माना जा सकता। यह देश के आधुनिक प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है। जब विरोधी देश के प्रोग्रामर किसी विश्वविद्यालय की साइट तक पहुँच सकते हैं, तो यह एक संकेत है इसलिए यह एक संकेत है कि अन्य उच्च-स्तरीय शिक्षकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है।