दर्दनाक मौत सरपंच कि हत्या, पत्नी और बेटों ने उतारा मौत के घाट, शव झाड़ियों में फेंका
कानपुर देहात के बैरी दरियाव कस्बे में एक दर्दनाक घटना ने खलबली मचा दी है। वर्तमान सरपंच प्रेमनारायण कमल की उनके ही परिवार के लोगों ने हत्या कर दी। उनकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों ने आत्महत्या कर ली। पारिवारिक कलह की आग में जलते हुए यह मामला हत्या तक पहुँच गया। घटना को छिपाने के लिए शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया, लेकिन सुबह होते-होते पूरे गाँव में सनसनी फैल गई।
नशे और हिंसा का कारण बना ग्रामीणों का कहना है कि बरी दरियाव कस्बे के ग्राम सरपंच रहे दिवंगत प्रेमनारायण कमल अक्सर नशे की हालत में रहते थे और घर में अपनी पत्नी शिवदेवी और बच्चों के साथ मारपीट करते थे। यह घरेलू हिंसा कोई आम बात नहीं थी, लेकिन रविवार की रात सब कुछ बदल गया। मिली जानकारी के अनुसार रविवार की रात प्रेमनारायण नशे में धुत होकर घर लौटे और हमेशा की तरह अपनी पत्नी से झगड़ा करने लगे। बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने अपनी पत्नी और छोटे बच्चों के साथ मारपीट शुरू कर दी। उस रात मामला इतना बिगड़ गया कि उन्हें बचाने की कोशिश में उनके ही परिवार के लोगों के हाथों उनकी मौत हो गई।
यह मामला अब पुलिस और समाज के बीच विवाद का विषय बन गया है। क्या यह कोई सुनियोजित चाल थी या आत्मरक्षा की सीमा लांघकर ऐसा हुआ? पुलिस की मानें तो जब प्रेमनारायण अपने परिवार पर अत्याचार करने लगा, तो सभी ने मिलकर उसे रोकने की कोशिश की। इस झड़प में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
घबराए परिवार ने लाश को बगल की झाड़ियों में फेंक दिया ताकि उसे ठिकाने लगा सकें। सोमवार सुबह जब कुछ ग्रामीणों ने झाड़ियों के पास एक लाश देखी, तो पूरे गाँव में सन्नाटा छा गया।
गांव में अभिलेख, पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली प्रभारी शीलेंद्र कुमार यादव पुलिस टीम के साथ मौके पर आ गए। प्रारंभिक जांच के बाद प्रेमनारायण की पत्नी शिवदेवी और दोनों नाबालिग बच्चों को संरक्षकता में ले लिया गया। जिरह के बीच, उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली है, लेकिन उनका कहना है कि यह सब आत्मरक्षा में हुआ।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण पता चलेगा। फिलहाल, आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
मृतक के भाइयों—जयराम, शिवनारायण और देवनारायण—ने पुलिस को बताया कि यह घटना पारिवारिक कलह का नतीजा थी। उनका कहना है कि प्रेमनारायण अक्सर शराब पीकर अपने परिवार और पत्नी को पीटता था, और कई बार परिवार के अन्य सदस्य भी इसका शिकार होते थे।
भाइयों का भी दावा है कि यदि प्रेमनारायण को बदलने के लिए उचित प्रयास किए गए होते या उनकी शराब की लत का इलाज किया गया होता, तो यह परिस्थिति कभी उत्पन्न नहीं होती।
कोतवाली प्रभारी शीलेंद्र कुमार यादव ने बताया कि मामले की गहनता से जाँच की जा रही है। बच्चों की नाबालिग स्थिति को देखते हुए बाल सुरक्षा आयोग से भी संपर्क किया गया है। महिला आरोपी शिवदेवी से विस्तार से पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि यह सुनियोजित हत्या का मामला है या आत्मरक्षा में की गई अनजाने में हत्या का।