श्रावण मास में हर सोमवार को सभी स्कूलों में रहेगा अवकाश डीएम का नया आदेश जारी
सावन का पवित्र महीना शुरू होते ही उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक गतिविधियाँ तेज़ हो जाती हैं। इसी कड़ी में, जिले के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत, जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को विशेष दिन घोषित किया गया है।
डीएम बरेली द्वारा 12 जुलाई, 2025 को जारी एक कार्यालय आदेश के माध्यम से यह निर्णय लिया गया है, जिसमें श्रावण मास के दौरान शहर में कांवड़ यात्रा और धार्मिक आयोजनों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आदेश के अनुसार, केवल छात्रों के लिए ही छुट्टी होगी, जबकि स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षण और नियामक कर्मचारी नियमित रूप से आएंगे।
कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ का असर
श्रावण मास में, भगवान शिव के भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान, लाखों कांवड़िये गंगाजल लेकर विभिन्न शिव मंदिरों की ओर प्रस्थान करते हैं। बरेली, दिल्ली रोड, बदायूं रोड, बिथरी चैनपुर, इज्जतनगर जैसे बड़े शहरों में, बड़ी संख्या में कांवड़िये फरीदपुर जैसे पर्वतों से होकर गुजरते हैं। इससे शहर की मुख्य सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।
जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि, विशेष रूप से स्कूल आने-जाने वाले विद्यार्थियों के लिए सुरक्षा संबंधी संकट उत्पन्न कर सकती है। अतः उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और आवागमन में होने वाली परेशानी से बचने के लिए, श्रावण के प्रत्येक सोमवार को कार्यक्रम की घोषणा करना आवश्यक हो गया है।
किन स्कूलों-कॉलेजों में रहेगा अवकाश
डीएम की योजना के अनुसार सोमवार को सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश रहेगा।यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल
सीबीएसई (CBSE) बोर्ड के स्कूल
आईसीएसई (ICSE) बोर्ड के स्कूल
तकनीकी संस्थान (ITI पॉलिटेक्निक आदि)
महाविद्यालय व विश्वविद्यालय से संबद्ध शिक्षण संस्थान
यह अवसर विशेष रूप से श्रावण मास की धार्मिक परिस्थितियों को देखते हुए विद्यार्थियों के लिए रखा गया है। हालाँकि, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से स्कूलों में उपस्थित रहना होगा ताकि सरकारी काम में कोई बाधा न आए।
पूर्व में भी लागू होते रहे हैं ऐसे निर्णय
यह पहली बार नहीं है जब श्रावण मास में किसी आयोजन की घोषणा की गई हो। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नियमानुसार श्रावण सोमवार को शिक्षण कार्य किया जाता रहा है। स्कूलों में भी आयोजन किए गए हैं। खासकर उन शहरों में जहाँ शिव मंदिरों और काँवड़ यात्राओं पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ज़्यादा होती है, वहाँ यह एक परंपरा सी बन गई है।
बरेली में भी इस तरह के फैसले पहले भी लिए जा चुके हैं, लेकिन इस बार इसे और अधिक स्पष्टता से लागू किया गया है, ताकि किसी भी संस्थान या अभिभावक को कोई भ्रम न हो।
यह निर्णय संगठन की दूरदर्शिता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। एक ओर जहाँ सरकार धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक मान्यताओं का सम्मान कर रही है, वहीं दूसरी ओर छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ते कार्यभार को देखते हुए, यह कदम अत्यंत आवश्यक और सुविधाजनक प्रतीत होता है।