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सूरजपुर में सम्पन्न हुई सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा जोर

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 सूरजपुर में सम्पन्न हुई सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा जोर





सूरजपुर, छत्तीसगढ़ – क्षेत्र पंचायत सूरजपुर के सभाकक्ष में आज आम सभा एवं आम संगठन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि देवपाल सिंह पैकरा ने की। बैठक में क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा राजलाल राजवाड़े, क्षेत्र पंचायत के मुख्य शासकीय अधिकारी (सीईओ) सहित अन्य लोग और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।


बैठक का उद्देश्य सरकार की सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं के उपयोग की समीक्षा करना और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रस्तुत करना था। अध्यक्ष श्रीमती पैकरा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सरकार की प्रत्येक योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। योजनाओं का लाभ क्षेत्र के पात्र लाभार्थियों तक अवश्य पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का मूल उद्देश्य आम जनता का कल्याण है और किसी भी प्रकार की




बैठक में सबसे पहले शिक्षा विभाग की योजनाओं और उनके विकास की समीक्षा की गई। श्रीमती पैकरा ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पीएम श्री स्कूल और आत्मानंद स्कूलों में बच्चों की भागीदारी, शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का समग्र रूप से मूल्यांकन किया गया। यह पाया गया कि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक जाँच आवश्यक है। स्कूलों में व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा की गई।




कृषि व्यवसाय प्रभाग की समीक्षा के दौरान, किसानों को धान, मोटे अनाज, चुकंदर और तिलहन जैसी फसलों की उत्पादन रणनीतियों के बारे में जानकारी दी गई। खाद और बीजों की उपलब्धता, उत्पादन की स्थिति और वितरण व्यवस्था का भी अध्ययन किया गया। अधिकारियों को समय-समय पर किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था ताकि वे मौसम और विपणन स्थितियों के अनुसार फसलों का चयन कर सकें।



जल संरक्षण के क्षेत्र में भी संगठन ने अपनी सक्रियता दिखाई। जल संग्रहण, कुओं की सफाई, चेकडैम निर्माण और जल स्रोतों के पुनरुद्धार जैसे विषयों पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों ने जल संसाधनों के आर्थिक सुधार के लिए दीर्घकालिक योजनाएँ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।




नोनी सुरक्षा योजना, महतारी वंदन योजना, बाल संदर्भ योजना, सखी वन हाल्ट सेंटर और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की प्रगति रिपोर्ट प्रदर्शित की गई। बताया गया कि इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को पोषण, सुरक्षा और सामाजिक समर्थन दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया गया ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण और आवश्यक शिक्षा मिल सके।





पशुपालन विभाग की योजनाओं में मुर्गीपालन इकाई, सुअर पालन इकाई, बकरी पालन योजना और पशुधन मित्र योजना के विकास पर चर्चा की गई। इसके अलावा, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की उपलब्धता, पशुपालकों की क्रेडिट कार्ड योजना और पशु सहकारी समितियों के कामकाज के बारे में जानकारी दी गई। यह भी सुझाव दिया गया कि पशु चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए मोबाइल इकाइयों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।



स्वास्थ्य विभाग ने तूफानी मौसम को देखते हुए आवश्यक दवाओं और एंटीबॉडी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। सर्प-रोधी दवा, रेबीज-रोधी टीके और क्लोरीन की गोलियों की उपलब्धता की समीक्षा की गई। इसके अलावा, जंगल बुखार और डेंगू जैसे आम संक्रमणों से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी समीक्षा की गई। सभी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की स्थिति की भी जानकारी दी गई।


कृषि विभाग ने राष्ट्रीय कृषि मिशन योजना और ग्रामीण फसलों के विकास पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। कृषि को राष्ट्रीय व्यवसाय और पोषण सुरक्षा का एक अनिवार्य साधन मानते हुए, इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के प्रयासों पर ज़ोर दिया गया।




आदिम जाति कल्याण विभाग की योजनाओं में एकलव्य आदर्श विद्यालय, छात्रावासों की मरम्मत, रिक्त सीटों की पूर्ति और अनुदान वितरण की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।विभागीय अधिकारियों ने छात्रावासों में बच्चों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।


मत्स्य विभाग द्वारा मछली बीज वितरण, अनुदान योजनाओं और तालाबों के रखरखाव की स्थिति पर चर्चा की गई। मछली पालकों को उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करने पर भी ज़ोर दिया गया।




खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा राशन कार्ड वितरण, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस वितरण और खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में पंजीकृत किसानों की स्थिति पर जानकारी दी गई। राशन दुकानों की जाँच को सुदृढ़ करने और पात्र हितग्राहियों को समय पर राशन सामग्री मिले, इसका सुझाव दिया गया।

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