नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख से अधिक की ठगी पुलिस की सटीक कार्रवाई से आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर छत्तीसगढ़ इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक पूर्व आरक्षक को सरकंडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी श्रीकांत मार्कन एक साल से फरार चल रहा था, सरकंडा पुलिस ने उसे गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। उस पर पीएचई विभाग में नौकरी दिलाने का वादा करके एक व्यक्ति से 2 लाख 5 हज़ार रुपये और एक कार की ठगी करने का आरोप है।
यह मामला छत्तीसगढ़ के उन हज़ारों युवाओं के लिए एक चेतावनी है जो नौकरी की तलाश में धोखेबाज़ों के जाल में फँस जाते हैं। पूर्व पुलिसकर्मी की गरिमा और वर्दी का इतना प्रभाव था कि पीड़ित को उस पर पूरा भरोसा हो जाता था। लेकिन यही भरोसा धोखाधड़ी में बदल गया।
छत्तीसगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत श्रीकांत मार्कन ने अपने पद और अनुभव का दुरुपयोग करते हुए लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उसके उच्च अधिकारियों और विभागों में अच्छे संपर्क हैं। उसने पीड़ित को भरोसे में लिया और कहा कि वह उसे पीएचई (सार्वजनिक स्वास्थ्य भवन) विभाग में नौकरी दिला देगा। इस वादे के बदले में आरोपी ने पीड़ित से 2 लाख 5 हज़ार रुपये नकद और अपने नाम पर एक कार ले ली।
पीड़ित को पहले तो पूरा भरोसा था कि उसे जल्द ही नौकरी मिल जाएगी, लेकिन समय बीतने के साथ न तो कोई नियुक्ति पत्र आया और न ही श्रीकांत से संपर्क हो सका। पीड़ित ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने जाँच शुरू की, लेकिन आरोपी फरार हो गए।
श्रीकांत मार्कन योजनाबद्ध तरीके से अचानक फरार हो गया था। उसने अपना घर और पहचान छुपाने की कोशिश की, लेकिन सरकंडा पुलिस ने उसकी तलाश जारी रखी। आखिरकार, पुलिस को सूचना मिली कि श्रीकांत एक रिश्तेदार के घर में छिपा हुआ है। इसके आधार पर, पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और उसे पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के समय भी वह अपने झूठे प्रभाव को लेकर कार्रवाई करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन पुलिस ने अत्यंत सतर्कता और सख्ती के साथ उसे पकड़ लिया और थाने ले आई।
पुलिस पूछताछ में श्रीकांत ने कबूल किया कि उसने पीड़ित से पैसे और कार ली थी और उसे नौकरी दिलाने का वादा किया था। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसकी उम्मीदें शुरू से ही गलत थीं और वह पैसे और कार हड़पने की योजना बना रहा था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ पहले ही कुछ शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। आशंका है कि इस तरह की जबरन वसूली के और भी मामले सामने आ सकते हैं।
सरकंडा थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की महत्वपूर्ण धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और अब पूरा मामला अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने यह भी कहा है कि पीड़ित को न्याय दिलाने और उसके नुकसान की भरपाई का मामला कानूनी तौर पर तय किया जाएगा।
इस मामले में सरकंडा पुलिस की तत्परता और सूझबूझ की सराहना हो रही है। एक साल से फरार चल रहे आरोपी को पकड़ना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन लगातार निगरानी, तकनीकी मदद और जमीनी खुफिया तंत्र की बदौलत यह गिरफ्तारी संभव हो पाई।