सड़क हादसा एक ही घर के तीन सदस्यों की दर्दनाक मौत, दो जिंदगी के लिए जूझ रहे
सूरजपुर/छत्तीसगढ़ – एक शांत सुबह, एक खुशहाल परिवार और एक लंबी यात्रा – लेकिन पूर्वधारणा ने उस समय करवट ली जब वे अपने लक्ष्य तक पहुँचते दिख रहे थे। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का एक परिवार शनिवार सुबह बिहार के पटना जिले में एक भीषण सड़क दुर्घटना में मारा गया। इस हादसे ने न केवल दो राज्यों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि इस हादसे के बारे में सुनने वाले हर व्यक्ति को स्तब्ध कर दिया।
यह घटना बिहार के पटना जिले के पालीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत रानीताल रेंज के सरैया कस्बे के पास हुई। सूरजपुर के बिश्रामपुर माइंस कॉलोनी के निवासी प्रेमचंद सिंह का परिवार एक निजी वाहन से बिहार के वैशाली जिले के अपने गांव महुआ जा रहा था। यात्रा का उद्देश्य एक पारिवारिक समारोह में जाना था। लेकिन भाग्य को शायद कुछ और ही मंजूर था।
हादसे की सुबह कब और कैसे हुआ हादसा
यह घटना शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे की है। प्रेमचंद सिंह का परिवार छत्तीसगढ़ से बिहार की यात्रा पर था। सफ़र लंबा था, लेकिन घर लौटने की खुशी थकान से कहीं ज़्यादा थी। सबके अपने-अपने गाँव में रिश्तेदार थे।
कार्यक्रम - शादी समारोह में जाना था। लेकिन जब गाड़ी पालीगंज के सरैया कस्बे के पास पहुँची, तो एक मोड़ पर ड्राइवर संतुलन खो बैठा। गाड़ी नियंत्रण खो बैठी और सड़क किनारे नहर में गिर गई। पानी का बहाव तेज़ नहीं था, लेकिन हादसा इतना ज़बरदस्त था कि गाड़ी पूरी तरह पलट गई और अंदर बैठे लोग उसमें फंस गए।
ग्रामीणों की तत्परता लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी
दुर्घटना की आवाज़ सुनते ही स्थानीय ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुँचे और पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। कुछ ही देर में जेसीबी मशीन की मदद से कार को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कार से निकाले गए तीनों लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
कौन-कौन हुए इस हादसे का शिकार
इस भीषण दुर्घटना में जान गंवाने वाले तीनों लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं
नीतू सिंह (36) – प्रेमचंद सिंह की पुत्रवधू
निर्मला देवी (52) – प्रेमचंद सिंह की पत्नी
अस्तितु कुमारी (10) – उनकी पोती
इन तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिवार को सूचना दी गई।
दो लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे
हादसे में दो और लोग गंभीर रूप से घायल हुए:
नंदन सिंह
रिद्धि सिंह
प्राथमिक उपचार के बाद, दोनों को पटना के एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों की हालत बेहद गंभीर है। डॉक्टरों की एक टीम उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश कर रही है।
पालीगंज थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुँची और आवश्यक कार्रवाई की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सड़क के उस हिस्से पर कोई सुरक्षा दीवार या रेलिंग नहीं थी, जिसकी वजह से गाड़ी सीधे नहर में जा गिरी। प्रशासन ने हादसे की जाँच की माँग की है और स्थानीय अधिकारियों ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की माँग की है।
इस भयावह घटना ने एक बार फिर भारत की सड़क सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढाँचे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल आजकल कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजमार्ग ऐसे हैं जहाँ सड़क के किनारे न तो रेलिंग है और न ही चेतावनी पत्रक, जिसके कारण आए दिन ऐसी दुर्घटनाएँ होती रहती हैं।
दो राज्यों की साझा पीड़ा
इस हादसे ने छत्तीसगढ़ और बिहार, दोनों जगहों के लोगों को गमगीन कर दिया। जहाँ छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में लोग अपने प्रियजनों के निधन पर शोक मना रहे हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन और बिहार के लोगों में भी शोक का माहौल है। यह एक ऐसा क्षण है जब भाषाएँ, राज्य या सीमाएँ मायने नहीं रखतीं - बस मानवता और सहानुभूति ही मायने रखती है।