जिला स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस सीतापुर और वाड्राफनगर में परंपराओं का अयोजन
सीतापुर/वाड्राफनगर विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सुरगुजा और बलरामपुर जिले के सीतापुर व वाड्राफनगर स्थित हाई स्कूल ग्राउंड में जिला स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिनभर चलने वाले इस समारोह ने स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों और अतिथियों को आदिवासी संस्कृति की विविधता, रंगीन परंपराओं और जीवंत कलाओं से रूबरू कराया।
सुबह से ही परिसर उत्सव के माहौल में सराबोर था। पारंपरिक नृत्य, नाटक, लोकगीत, वेशभूषा प्रदर्शन और आदिवासी जीवनशैली की झलकियां मंच पर सजीव रूप में प्रस्तुत की गईं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकार, ढोल-मांदर की थाप और मधुर गीतों की गूंज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतियोगिता स्वरूप आयोजित सभी प्रस्तुतियों में प्रतिभागियों ने भरपूर उत्साह और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की खासियत यह रही कि शिक्षक और छात्र एक साथ मंच पर उतरे, जिससे यह पहचानना कठिन हो गया कि कौन शिक्षक है और कौन विद्यार्थी। इस साझी भागीदारी ने आयोजन को और अधिक आत्मीय और प्रेरक बना दिया।
शिक्षकों ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान देना नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व की भावना विकसित करना भी है। उन्होंने चेताया कि यदि युवा पीढ़ी अपनी विरासत को नहीं अपनाएगी तो यह धीरे-धीरे लुप्त हो जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि आदिवासी संस्कृति की रक्षा और संवर्धन के लिए ऐसे आयोजन प्रत्येक विद्यालय और समुदाय स्तर पर होते रहेंगे। इस पहल ने स्पष्ट संदेश दिया कि आधुनिक शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण साथ-साथ संभव है।