छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने SDM तहसीलदार और आरआई की अग्रिम जमानत याचिकाएं की खारिज गिरफ्तारी वारंट जल्द
बिलासपुर। भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने राजस्व विभाग के सात अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। इनमें तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, तहसीलदार लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरण, शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार डीएस उइके, राजस्व निरीक्षक (RI) रोशन लाल वर्मा और पटवारी दीपक देव शामिल हैं।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की संयुक्त जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों ने भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इनकी साठगांठ से भूमि मालिकों को वास्तविक बाजार मूल्य से कई गुना अधिक मुआवजा राशि दिलाई गई। इस कथित हेराफेरी से राज्य सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी आरोपित अधिकारियों को पहले ही निलंबित कर दिया था। वहीं, ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में अब गिरफ्तारी की तैयारी तेज हो गई है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसकी जांच अभी जारी है। अदालत ने यह भी माना कि इस चरण में आरोपियों को अग्रिम जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए अदालत ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
अदालत के आदेश के बाद अब ईओडब्ल्यू और एसीबी जल्द ही आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर सकती हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई और नाम भी सामने आ सकते हैं।
