बाल विवाह की दर्दनाक हकीकत 15 साल की नाबालिग बनी मां, पांच आरोपी गिरफ्तार
कटंगी (जबलपुर)। जिले के कटंगी क्षेत्र से सामने आया एक हैरान करने वाला मामला समाज और प्रशासन दोनों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गया है। यहां मात्र 15 वर्षीय नाबालिग लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया, जबकि उसका बाल विवाह 13 साल की उम्र में ही कर दिया गया था। इस घटना ने बाल संरक्षण तंत्र की कार्यप्रणाली और जागरूकता अभियानों की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई 2023 में नाबालिग की शादी कटंगी थाना क्षेत्र के नाहन देवी मंदिर में कराई गई थी। शादी में लड़की की नानी और मामा की सहमति शामिल थी। यह विवाह पूरी तरह अवैध था, लेकिन ग्रामीण परंपराओं और सामाजिक दबाव के कारण इसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई।
हाल ही में जब किशोरी ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चे को जन्म दिया, तो डॉक्टरों को उसकी कम उम्र देखकर संदेह हुआ। जांच के दौरान उसकी उम्र का खुलासा होने पर चिकित्सा अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मझौली थाना पुलिस ने शून्य पर केस दर्ज कर केस डायरी कटंगी थाना को भेजी, क्योंकि घटना का क्षेत्राधिकार वहीं का था।
कटंगी थाना प्रभारी पूजा उपाध्याय ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पति राजेश बसोर, लड़की के पिता महेश कुमार, मां अनीता वंशकार, मामा गंगाराम और नानी शंको बाई को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 और पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, यह मामला न केवल बाल विवाह का है, बल्कि इसमें नाबालिग से यौन शोषण और उत्पीड़न की गंभीर धाराएं भी लागू होंगी। वहीं, नाबालिग मां और उसके नवजात को बाल कल्याण समिति (CWC) की देखरेख में रखा गया है, जहां उन्हें चिकित्सीय और मानसिक सहायता दी जा रही है।
यह घटना एक बार फिर उस कड़वी सच्चाई को उजागर करती है कि बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध आज भी ग्रामीण इलाकों में जारी हैं। सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद, पारंपरिक सोच और सामाजिक दबाव के कारण नाबालिग बेटियों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में केवल गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है — जरूरत है जमीनी स्तर पर जागरूकता और सख्त निगरानी तंत्र की, ताकि कोई भी बच्ची फिर से इस तरह की मजबूरी में न धकेली जाए।
