मोदी की गारंटी लागू करवाने के लिए कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का बड़ा ऐलान 16 जुलाई को ध्यानाकर्षण रैली
मोदी की गारंटी लागू करवाने के लिए कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का बड़ा ऐलान 16 जुलाई को सूरजपुर समेत सभी जिला मुख्यालयों में वृहद ध्यानाकर्षण रैली
सूरजपुर/छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में कर्मचारी और कर्मचारी संगठनों ने अब सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी अधिकारी लीग ने "मोदी के भरोसे" के नाम पर किए गए वादों के प्रति सरकार की उदासीनता के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। इसके तहत 16 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक विशाल जागरूकता रैली निकाली जाएगी और माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
यह आंदोलन सूरजपुर क्षेत्र में भी जोर पकड़ रहा है। इस आंदोलन की रूपरेखा हाल ही में सूरजपुर क्षेत्र संगठन संयोजक डॉ. आर.एस. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में तैयार की गई, जिसमें क्षेत्र भर के प्रमुख कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए।
मोदी की गारंटी बनी आंदोलन की वजह
पार्टी और लोकसभा चुनावों के दौरान, छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने "मोदी के भरोसे" जनप्रतिनिधियों से कई बड़े वादे किए थे। इनमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) का पुनर्निर्माण, महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि, स्थायीकरण, ठेका श्रमिकों का स्थानांतरण, वेतन में आरक्षण समेत कई मुद्दे शामिल थे।
लेकिन वर्कर्स एंड ऑफिसर्स एलायंस का आरोप है कि सत्ता में आने के बाद सरकार ने इन गारंटियों के प्रति कोई वास्तविक गतिविधि नहीं की है। लगातार पत्राचार और वार्ता के बावजूद गठबंधन पर सहमति जताते हुए सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. की गयी है, जिससे प्रदेश भर के कर्मचारी वर्ग में भारी असमानता है।
सूरजपुर में बनी आंदोलन की रणनीति
सूरजपुर में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि 16 जुलाई को दोपहर 1:00 बजे सभी कार्यकर्ता रंगमंच मैदान में एकत्रित होंगे, वहाँ से एक रैली निकाली जाएगी जो कलेक्टर कार्यालय तक जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बैठक का संचालन कर रहे डॉ. आर.एस. सिंह ने कहा कि अगर सरकार इस बार भी कर्मचारियों की बात नहीं सुनती है, तो आंदोलन और तेज़ होगा। लीग ने पहले ही 22 सितंबर को एक दिवसीय सामूहिक बंद और सितंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है।
फेडरेशन महिला प्रकोष्ठ की अपील
महिला प्रकोष्ठ क्षेत्र संयोजक प्रतिमा सिंह ने क्षेत्र की सभी महिला प्रतिनिधियों से अनुरोध किया और कहा कि अब समय आ गया है कि सभी को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि महिला कार्यकर्ताओं को इस आंदोलन में अग्रिम पंक्ति में खड़ा होना होगा।
ज्ञापन के माध्यम से देंगे चेतावनी
फेडरेशन के स्थानीय महासचिव मो. इकबाल अंसारी ने कहा कि यह उचित असहमति नहीं बल्कि सरकार को सावधान करने का शांत तरीका है. सरकार को याद दिलाया जाएगा कि प्रतिनिधियों की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दिन विभिन्न जिलों से जुड़े हजारों कर्मचारी आंदोलन में शामिल होंगे।
इस महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक में कई विभागों और संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। उपस्थित प्रमुख नामों में शामिल हैं –
डॉ. आर. एस. सिंह, डॉ. राजेश पैकरा, प्रतिमा सिंह, मो. इकबाल अंसारी, गोपाल विश्वकर्मा, विजय साहू, निर्मल भट्टाचार्य, मनीष दीपक साहू, राजकुमार सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, सतीश प्रताप सिंहदेव, राधेश्याम साहू, महेश पैकरा, आदित्य शर्मा, विन्देश गुप्ता, निधि श्रीवास्तव, ज्योति साधना, माया शर्मा, अनुरंजन देव, रमेश राजवाड़े, संत राम, रामनंदे साहू, रवि प्रसाद पैकरा, शिव कुमार पैकरा, यशवंत प्रताप सिंह, अवधेश कुमार सिंह आदि।