तालाबंद अस्पताल, परेशान मरीज बारिश में भीगते एनएचएम कर्मियों का हल्ला बोल
सूरजपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। लगभग 16,000 से अधिक कर्मचारी पिछले कई दिनों से भारी बारिश के बीच भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे लगातार अपनी नियमितीकरण, ग्रेड पे और 27% लंबित वेतन वृद्धि जैसी प्रमुख मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन अब तक शासन स्तर पर किसी तरह की ठोस सुनवाई नहीं की गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा असर
हड़ताल की वजह से जिलेभर में ओटी रूम, एमसीएच भवन और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटक गए हैं। रात्रिकालीन प्रसव सेवाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं। वहीं मरीज दवा और इलाज के लिए भटकते नजर आ रहे हैं।
एनएचएम कर्मचारियों के भरोसे चलने वाली कई महत्वपूर्ण सेवाएं जैसे –
संस्थागत प्रसव
टीबी और मलेरिया जांच
ओपीडी
नवजात शिशु देखभाल
एनसीडी स्क्रीनिंग
सभी पूरी तरह से बंद हैं। ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं।
कर्मचारियों का आरोप
कर्मचारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि भाजपा सरकार ने 100 दिन में नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन अब 20 महीने से ज्यादा का समय बीत गया और 160 से अधिक ज्ञापन शासन को सौंपने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। ऐसे में मजबूरन उन्हें सड़क पर उतरकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ी।
कर्मचारियों का कहना है कि जब तक शासन की ओर से उनकी मांगों को लेकर लिखित आदेश जारी नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मरीज बेहाल
अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटकने से मरीजों को इलाज के लिए निजी क्लीनिक और महंगे अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। गरीब और ग्रामीण वर्ग के लोग, जो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर पूरी तरह निर्भर हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।