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लकड़ी तस्करों पर बड़ी कार्रवाई, 30 टन लकड़ी समेत ट्रक जब्त

लकड़ी तस्करों पर बड़ी कार्रवाई, 30 टन लकड़ी समेत ट्रक जब्त

 लकड़ी तस्करों पर बड़ी कार्रवाई, 30 टन लकड़ी समेत ट्रक जब्त



सीतापुर/सरगुजा जिले में लगातार बढ़ रही लकड़ी तस्करी पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। बीती रात थाना क्षेत्र की पुलिस ने चेकिंग के दौरान लकड़ी से लदे एक ट्रक (क्रमांक UP 21 ET 3099) को रोका। जब वाहन की जांच की गई तो उसमें करीब 30 टन यूकेलिप्टस की लकड़ी बरामद हुई। पुलिस ने चालक से कागजात मांगे, लेकिन वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके। इसके बाद पुलिस ने ट्रक को जब्त कर थाने में खड़ा कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी।


तस्करी का जाल फैला ग्रामीण क्षेत्रों में

जानकारी के मुताबिक, इन दिनों सीतापुर और आसपास के इलाकों में लकड़ी तस्करी का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। तस्कर बिना अनुमति के खुलेआम पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। यूकेलिप्टस, सेमर और अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटकर इन्हें उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी खपाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तस्करों ने अपने दलाल तक छोड़ रखे हैं, जो गांव-गांव घूमकर पेड़ों की जानकारी इकट्ठा कर तस्करों को उपलब्ध कराते हैं।


स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार तस्कर एक बार का परमिशन लेकर महीनों तक पेड़ों की अवैध कटाई करते रहते हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि क्षेत्र की हरियाली लगातार खतरे में पड़ रही है।


प्रधानमंत्री की अपील बनाम तस्करों का खेल

जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों से हरियाली बढ़ाने और "मां के नाम एक पौधा" लगाने की अपील कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तस्करों का गिरोह बड़े पैमाने पर पेड़ काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सब प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े करता है, क्योंकि तस्करों का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है।


थाना प्रभारी का बयान

इस मामले पर थाना प्रभारी गौरव पांडेय ने बताया कि पकड़े गए ट्रक के पास चार माह पुराना परमिशन लेटर पाया गया है, जो वर्तमान परिवहन के लिए मान्य नहीं है। इस संबंध में वन विभाग को सूचित कर दिया गया है और उनकी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।



हरियाली पर संकट

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इस पर सख्ती नहीं बरती गई तो आने वाले समय में क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ सकता है। बढ़ती तस्करी न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि भूमिगत जलस्तर और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करेगी।

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