CG News NHM संघ के प्रांताध्यक्ष श्याम मोहन दुबे बर्खास्त, हड़ताली कर्मचारियों पर सरकार का सख्त रुख
बिलासपुर। CG NEWS छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त से आंदोलनरत कर्मचारियों पर अब प्रशासनिक कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में बड़ा कदम उठाते हुए बिलासपुर के सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) ने NHM संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्याम मोहन दुबे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है।
लगातार हो रही कार्रवाई
बीते दिन प्रदेशभर में 25 NHM पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी। इसके बाद अब प्रांताध्यक्ष की बर्खास्तगी ने हड़ताली कर्मचारियों में और आक्रोश पैदा कर दिया है। सरकार ने पहले ही सभी कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कर्मचारी अपने रुख पर कायम रहे। नतीजतन अब गैरहाजिर और आंदोलनकारी कर्मचारियों पर निलंबन व बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाइयाँ शुरू हो गई हैं।
क्या हैं NHM कर्मचारियों की मांगें
NHM संघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की है। इनमें प्रमुख रूप से—
नियमितीकरण,
वेतनमान में सुधार,
सेवा सुरक्षा,
भविष्य निधि और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया। इससे उनका भविष्य असुरक्षित बना हुआ है।
टकराव की आशंका
सरकार की सख्ती और कर्मचारियों के अड़े रहने से हालात और बिगड़ सकते हैं। NHM संघ का कहना है कि बर्खास्तगी और निलंबन जैसी कार्रवाइयाँ उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि जनता की स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की बाधा स्वीकार्य नहीं है, इसलिए यह कदम मजबूरी में उठाया गया है।
आगे क्या?
अब नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस लेते हैं या आंदोलन और तेज करेंगे। सरकार और संघ के बीच बढ़ता यह टकराव सीधे-सीधे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर सकता है।