पचिरा टोल प्लाजा विवाद कर्मचारियों की मनमानी और गुंडागर्दी से लोग परेशान
सूरजपुर, 04 सितंबर 2025
सूरजपुर जिले का पचिरा टोल प्लाजा एक बार फिर विवादों में है। यहां के कर्मचारियों पर मनमानी, गुंडागर्दी और लोगों से दुर्व्यवहार करने के आरोप लगातार लगते रहे हैं। ताज़ा मामला सूरजपुर निवासी इम्तियाज़ खान का है, जिनकी बिटिया की शादी के अवसर पर उन्हें टोल प्लाजा पर गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, इम्तियाज़ खान अपनी बेटी को विवाह के बाद विदा कर रहे थे और वाहन से आनंद रिहंदम, कुरूवां की ओर जा रहे थे। पचिरा टोल गेट पर फास्ट टैग की राशि खत्म होने के कारण जब उन्होंने नगद भुगतान की बात कही, तो टोल कर्मचारियों ने उनसे अभद्रता शुरू कर दी। विवाद इतना बढ़ा कि कर्मचारियों ने मारपीट पर आमादा होकर हाथों में डंडे और हॉकी तक उठा लिए।
इम्तियाज़ खान का आरोप है कि इस दौरान उनकी दुल्हन बनी बेटी और परिजन वाहन में मौजूद थे, बावजूद इसके कर्मचारियों ने उनकी कोई परवाह नहीं की और उनसे 18 हजार रुपए तक छीन लिये। बड़ी मुश्किल से धक्का-मुक्की के बीच वे वहां से निकल पाए। बाद में विवाह संपन्न कराने के उपरांत वे सुबह थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। वहीं दूसरी ओर, टोल कर्मचारियों ने भी पुलिस में शिकायत की है, जिससे मामला और उलझ गया है।
लगातार विवादों में रहता पचिरा टोल
पचिरा टोल प्लाजा लंबे समय से विवादों और शिकायतों का गढ़ बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के कर्मचारी अक्सर वाहन चालकों से बदसलूकी करते हैं और कई बार सोशल मीडिया पर इनके झगड़े और गाली-गलौज के वीडियो वायरल हो चुके हैं। कई बार लोग बदनामी के डर से चुपचाप टोल देकर निकल जाते हैं, जिससे कर्मचारियों का हौसला और बढ़ता जा रहा है।
नियमों का उल्लंघन
भारत सरकार और NHAI के नियमों के मुताबिक –
किसी टोल प्लाजा पर यदि 10 सेकंड से ज्यादा इंतजार करना पड़े तो वाहन मालिक से टोल वसूली नहीं की जा सकती।
दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होना अनिवार्य है।
नए नियमों के अनुसार, निजी वाहनों को पहले 20 किलोमीटर तक टोल से छूट मिलनी चाहिए।
परंतु पचिरा टोल इन नियमों की खुलेआम अनदेखी करता है। सूरजपुर नगर से टोल की दूरी केवल 15 किलोमीटर है, फिर भी लोगों से वसूली की जाती है। यही कारण है कि आए दिन यहां विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है।
मनमानी से और बढ़ रही समस्या
टोल प्लाजा पर दोनों ओर तीन-तीन बैरियर लगे हैं, लेकिन कर्मचारियों की मनमानी से अक्सर केवल एक-एक लेन ही खोली जाती है। इससे लंबी कतारें लग जाती हैं और यात्रियों को अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ता है। कभी सिस्टम की खराबी तो कभी स्कैनिंग मशीन की दिक्कत के नाम पर लोगों को रोका जाता है, जबकि नियम कहता है कि ऐसी स्थिति में टोल लिए बिना वाहन को छोड़ा जाना चाहिए।