एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर सरकार का रुख, मंत्री ने दिया समाधान का भरोसा
कोरिया/मनेन्द्रगढ़ CG NEWS प्रदेश के एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन ने अब बड़ा रूप ले लिया है। लगातार कई दिनों से आंदोलनरत कर्मियों ने रविवार को कोरिया जिले पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। विश्राम गृह तक पैदल मार्च कर रैली की शक्ल में पहुंचे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मंत्री से सीधी बातचीत की और अपनी दस सूत्रीय मांगों के संबंध में ठोस कदम उठाने की अपील की।
मंत्री का आश्वासन – पाँच मांगे मानी गईं, शेष पर विचार जारी
मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी दस सूत्रीय मांगों में से पाँच मांगों को सरकार ने मान लिया है और शेष पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। मंत्री ने कर्मचारियों से कहा कि सरकार उनके जायज़ अधिकारों का हनन नहीं करेगी और आदेश जल्द जारी कर दिया जाएगा। साथ ही कर्मियों से हड़ताल खत्म कर सेवाएं फिर से शुरू करने की अपील की।
विपक्ष का समर्थन – मदद या मुश्किल?
आंदोलनरत एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों को विपक्ष से भी समर्थन मिल रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित कांग्रेस नेता लगातार उनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या विपक्ष का साथ कर्मचारियों के आंदोलन को मज़बूती देगा या सरकार इसे राजनीतिक रंग मानकर कड़े कदम उठा सकती है। क्योंकि विपक्ष के कार्यकाल में भी इन्हीं मांगों को नज़रअंदाज़ किया गया था।
नेता प्रतिपक्ष के बयान पर मंत्री की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता महंत के हालिया बयान पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयान नए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता देवतुल्य होते हैं और वरिष्ठ नेता होने के नाते महंत जी का बयान किसी न किसी संदर्भ में दिया गया होगा।
धरना स्थल पर पहुंचे मंत्री, आधे घंटे तक सुनी समस्याएं
रविवार को मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एक कार्यक्रम से लौटते समय सीधे सिविल लाइन रोड स्थित धरना स्थल पहुंचे। यहाँ उन्होंने कर्मचारियों से मुलाकात की और करीब आधे घंटे तक उनकी समस्याएं सुनीं। मंत्री ने कहा कि रायपुर में सोमवार को बड़ी बैठक होगी, जिसमें लंबित मुद्दों पर निर्णय लिया जाएगा। इस मौके पर भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रामचरित द्विवेदी भी मौजूद रहे।
आंदोलन की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
18 अगस्त से शुरू हुई इस हड़ताल की वजह से प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। कई जिलों में मरीजों को इलाज में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने चेतावनी दी थी कि यदि कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आते तो बर्खास्तगी जैसी कार्यवाही की जाएगी। इस पर भी कर्मियों ने मंत्री से चर्चा की और बिना शर्त सेवा में वापसी की मांग उठाई।
एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों की प्रमुख मांगे
संविलियन एवं स्थाईकरण
पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
नियमित भर्ती में सीटों के लिए आरक्षण
कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता
मेडिकल अवकाश की सुविधा
लंबित 27% वेतन वृद्धि
न्यूनतम 10 लाख तक कैशलेस चिकित्सा बीमा सुविधा
ग्रेड पे का निर्धारण
अनुकंपा नियुक्ति
स्थानांतरण की नीति