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मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से दो कैदी फरार, एक महीने में दूसरी अलग-अलग मामलों, पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया

 

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से दो कैदी फरार, एक महीने में दूसरी अलग-अलग मामलों, पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से दो कैदी फरार, एक महीने में दूसरी अलग-अलग मामलों, पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया



अंबिकापुर 21 अक्टूबर 2025 सरगुजा जिले के अंबिकापुर में मंगलवार सुबह सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक सामने आई है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से दो विचाराधीन बंदी फरार हो गए, जिससे पुलिस और जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि यह घटना एक महीने के भीतर दूसरी बार हुई है जब जेल वार्ड से बंदी फरार हुए हैं।

फरार कैदियों की पहचान रितेश सारथी, निवासी आंधला (थाना लखनपुर), और पवन पाटिल, निवासी ग्राम जमडी (थाना झिलमिली) के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, रितेश सारथी पॉक्सो एक्ट (POCSO) के मामले में विचाराधीन बंदी था, जबकि पवन पाटिल एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत गिरफ्तार आरोपी था। दोनों को स्वास्थ्य कारणों से इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती कराया गया था।

जेल वार्ड में कुल चार बंदी भर्ती थे, जिनकी निगरानी के लिए पुलिस गार्ड तैनात थे। बावजूद इसके, दो बंदियों के रात के समय फरार हो जाने से सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

घटना की पुष्टि सेंट्रल जेल अधीक्षक अक्षय राजपूत ने की है। उन्होंने बताया कि फरारी की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंचे और पूरे परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया गया। शहर के सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और प्रमुख मार्गों पर पुलिस ने नाकेबंदी कर जांच अभियान तेज कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार, फरार होने के दौरान जेल वार्ड में लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे, जिससे घटना का स्पष्ट वीडियो नहीं मिल सका है। पुलिस अब अस्पताल और आसपास के इलाकों के अन्य कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि दोनों के भागने के रास्ते का सुराग मिल सके।

जेल अधीक्षक ने बताया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, और जो भी अधिकारी या पुलिसकर्मी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि करीब एक महीने पहले भी इसी अस्पताल के जेल वार्ड से एक विचाराधीन बंदी इलाज के दौरान फरार हुआ था। उस समय भी सुरक्षा चूक पर सवाल उठे थे और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद दोबारा ऐसी घटना होना पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल के जेल वार्ड में सुरक्षा इंतजाम केवल नाम के लिए हैं। रात के समय पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात नहीं रहते, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

फिलहाल पुलिस ने फरार कैदियों की तलाश तेज कर दी है और आसपास के जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने दावा किया है कि जल्द ही दोनों कैदियों को पकड़ लिया जाएगा।


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