श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 6 से 12वी तक निशुल्क शिक्षा पाने का मिलेगा शानदार अवसर
छत्तीसगढ़ सरकार समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निरंतर योजनाएँ चला रही है। इसी कड़ी में, राज्य भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी योजना - 'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' लागू की जा रही है। यह योजना न केवल शिक्षा का माध्यम है, बल्कि सामाजिक एकता और आर्थिक सुदृढ़ता की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निःशुल्क निजी शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे समाज के स्तर में भी शामिल हो सकें। आमतौर पर निर्माण श्रमिक अपनी सीमित आय के कारण खर्च चलाने में असमर्थ होते हैं। इस वजह से, वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं दे पाते हैं। इस योजना के तहत, इन बच्चों को निजी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा, आवास, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित। इस योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस योजना के तहत, बच्चों को छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित चुनिंदा निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। योग्य छात्र कक्षा 6 में प्रवेश ले सकेंगे और कक्षा 12 तक निःशुल्क अध्ययन कर सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग आसानी से जुड़ सकें। आवेदन की अंतिम तिथि 2025 तय की गई है।आवेदन करने के लिए उपयोग किए जा सकने वाले माध्यम वेब पोर्टल https://shramevjayate.cg.gov.in मोबाइल ऐप Shramev Jayate ऐप के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
जिन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने में परेशानी हो रही है, वे क्षेत्रीय कार्यालय, रोजगार संसाधन केंद्र या ओपन बेनिफिट सेंटर की सहायता से भी आवेदन कर सकते हैं।
निःशुल्क शिक्षा: कक्षा 6वीं से 12वीं तक किसी निजी आवासीय विद्यालय में पूर्णतया निःशुल्क पढ़ाई।
आवासीय सुविधा: छात्रावास में रहने, भोजन, पाठ्यपुस्तकें, वर्दी आदि की सुविधा।
शिक्षा के साथ समग्र विकास: खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, और कैरियर मार्गदर्शन का समावेश।
सुरक्षित और अनुशासित वातावरण: बच्चों को ऐसे माहौल में रखा जाएगा जहाँ उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।