अंबिकापुर में हाथी का कहर दो ग्रामीणों की मौत, इलाके में दहशत का माहौल
अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ 30 जुलाई 2025 सरगुजा जिले के सीतापुर और लुंड्रा वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो दिनों में हाथियों के हमले में तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है।
ताज़ा मामला लुंड्रा वन क्षेत्र के असकला कस्बे का है, जहाँ एक अकेला आवारा हाथी ग्रामीण इलाकों में घुस आया है और उत्पात मचा रहा है। शनिवार देर रात इस हाथी ने दो ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला। इससे पहले बुधवार को इसी हाथी ने एक महिला पर हमला कर उसकी हत्या कर दी थी।
वन विभाग के अनुसार, यह हाथी अपने समूह से अलग-थलग पड़ गया है और पिछले कुछ दिनों से निजी बाड़ों में घूम रहा है। इन लगातार हमलों से ग्रामीणों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
उधर, मैनपाट रेंज में हाथियों का एक पूरा झुंड शहर में घुसकर घरों को नुकसान पहुँचा रहा है। कई घरों की दीवारें गिर गई हैं और फसलों को भी भारी नुकसान पहुँचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात होते ही हाथियों का यह आतंक बढ़ जाता है, जिसके कारण वे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए रात भर जागने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, विभाग का कहना है कि हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
सरगुजा में मानव-हाथी संघर्ष की बढ़ती घटनाएँ चिंता का विषय बन गई हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि सिकुड़ते जंगल और भोजन की कमी इसके मुख्य कारण हैं। ऐसे में एक दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है, ताकि वन्यजीव और मनुष्य दोनों सुरक्षित रह सकें।