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तेज रफ्तार बाइक की भैंस से टक्कर, युवक की दर्दनाक मौत

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 तेज रफ्तार बाइक की भैंस से टक्कर, युवक की दर्दनाक मौत




बिलासपुर, छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय अंतरराज्यीय राजमार्ग 130 (NH-130) एक बार फिर लापरवाही, अव्यवस्था और नियमों की अनदेखी का गवाह बना। बेलतरा निवासी दो युवकों की एक साधारण यात्रा उस समय एक भयानक दुर्घटना में बदल गई जब एक तेज़ रफ़्तार बाइक सड़क पर बैठी एक भैंस से टकरा गई। इस दुर्घटना में बाइक चालक नितिन सोनी (उम्र लगभग 24 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठे अमित राज गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना रतनपुर थाना क्षेत्र के नवापारा के पास हुई, जहाँ हल्की बारिश और एक मृत कुत्ते की मौजूदगी ने इस हादसे को जन्म दिया।



घटना की पूरी जानकारी

10 जुलाई की शाम, बेलतरा निवासी नितिन सोनी और उनके दोस्त अमित राज किसी काम से साइकिल से निकले थे। जब वे दोपहिया वाहन से यात्रा कर रहे थे और नवापारा के पास पहुँचे, तो तेज़ बारिश हो रही थी, जिससे सड़कें खतरनाक हो गई थीं। उसी जगह सड़क पर एक मरा हुआ कुत्ता पड़ा था। नितिन के देखते ही देखते साइकिल का संतुलन बिगड़ गया। तभी साइकिल का हैंडल सड़क किनारे बैठी एक भैंस से टकरा गया। इससे दोनों सवार गिर गए और नितिन के सिर में गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।


मौके पर मौजूद राहगीरों और ग्रामीणों ने घायल अमित को रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे बिलासपुर के सिम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने नितिन को मृत घोषित कर दिया।


हादसे के पीछे के कारण क्या हैं 


इस पूरी घटना के पीछे कई कारण हैं, जो न केवल गंभीर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि व्यवस्था की लापरवाही को भी उजागर करते हैं। मुख्य रूप सेसड़क पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी


छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में आवारा जानवरों, खासकर गायों और भैंसों का सड़कों पर बैठे रहना एक आम समस्या है। हाईवे जैसी तेज़ रफ़्तार सड़कों पर इस तरह की मौजूदगी राहगीरों को डराती है। इस मामले में भी भैंस सड़क पर बैठी थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।


बारिश के दौरान फिसलन

घटना के समय भारी बारिश हो रही थी, जिससे सड़कें बंद हो गईं। साथ ही, दृश्यता भी कम हो गई। खराब मौसम में पर्याप्त सड़क सुरक्षा उपायों और सड़क चिह्नों की कमी भी दुर्घटना का एक कारण बनी।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़


नितिन सोनी का आकस्मिक निधन उनके परिवार के लिए एक बड़ा सदमा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, नितिन एक बेहद मिलनसार, समर्पित और जागरूक युवा थे। वे परिवार के कमाने वाले थे और उनके निधन से उनके माता-पिता और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गाँव में शोक का माहौल है।


यह दुर्घटना महज दुर्घटना नहीं है, बल्कि व्यवस्था की विफलता का एक और उदाहरण है: क्या राजमार्ग पर मवेशियों की उपस्थिति का पूर्वानुमान लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है

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