भुइयां ऐप हैकिंग से 765 एकड़ जमीन हड़पी – पटवारी आईडी से खेला करोड़ों का घोटाला
दुर्ग, छत्तीसगढ़।
जमीन घोटालों के लिए कुख्यात भू-माफिया गिरोह ने इस बार डिजिटल तकनीक का सहारा लेकर प्रशासन और बैंकिंग सिस्टम दोनों को चकमा दे दिया। दुर्ग जिले में पटवारियों की भुइयां ऐप लॉग-इन आईडी हैक कर 765 एकड़ सरकारी व निजी जमीन फर्जी तरीके से दूसरे लोगों के नाम दर्ज कर दी गई। इस पूरे खेल के जरिए न सिर्फ जमीनों की बंदरबांट हुई बल्कि कुछ लोगों ने इन फर्जी जमीनों को गिरवी रखकर बैंकों से करोड़ों का लोन भी निकाल लिया।
कैसे हुआ खुलासा?
नंदनी थाना क्षेत्र के मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांवों में जमीनों के रिकॉर्ड अचानक बदलने लगे। खसरा नंबरों में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीनें निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी गईं। संदेह तब गहराया जब नई “जमीन मालिक” बने कुछ लोगों ने जमीन गिरवी रखकर बैंकों से मोटा लोन निकाल लिया।
25 जून 2025: दिनूराम यादव ने एसबीआई नंदनी टाउनशिप ब्रांच से 46 लाख रुपए का लोन लिया।
2 जुलाई 2025: एक अन्य व्यक्ति ने एसबीआई कुम्हारी ब्रांच से 36 लाख रुपए का लोन निकाला।
किसके नाम दर्ज हुई जमीन?
मुरमुंदा : 75 हेक्टेयर सरकारी + 22 हेक्टेयर निजी जमीन
अछोटी : 45.304 हेक्टेयर सरकारी + 27.087 हेक्टेयर निजी जमीन
चेटुवा : 87.524 हेक्टेयर सरकारी जमीन
बोरसी : 47.742 हेक्टेयर निजी जमीन
इन जमीनों को दिनूराम यादव, एसराम, शियाकांत वर्मा, हरिशचंद्र निषाद, सुरेंद्र कुमार, जयंत समेत कई लोगों के नाम दर्ज किया गया।
जांच में क्या सामने आया?
मामला मीडिया में आने के बाद दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने जांच शुरू की। तकनीकी पड़ताल से पता चला कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा के पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी से लॉग-इन कर जमीन रिकॉर्ड बदला गया था। दोनों को तुरंत निलंबित कर दिया गया, जबकि 18 अन्य पटवारियों का तबादला कर दिया गया।
संभाग आयुक्त ने धारा 115/16 के तहत रिकॉर्ड दुरुस्त करवाया और एनआईसी से हैकिंग की तकनीकी रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि असली हैकर्स तक पहुंचा जा सके।
भू-माफिया सिंडिकेट का बड़ा नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया कि यह कोई छोटा-मोटा फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि एक संगठित भू-माफिया सिंडिकेट है। इसके तार रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक फैले हुए हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि आईडी हैकिंग किसने की, लेकिन इस गिरोह ने सरकारी तंत्र और बैंकिंग सिस्टम को हथियार बनाकर करोड़ों की जमीन हड़प ली।
भू-माफिया सिंडिकेट का बड़ा नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया कि यह कोई छोटा-मोटा फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि एक संगठित भू-माफिया सिंडिकेट है। इसके तार रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक फैले हुए हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि आईडी हैकिंग किसने की, लेकिन इस गिरोह ने सरकारी तंत्र और बैंकिंग सिस्टम को हथियार बनाकर करोड़ों की जमीन हड़प ली।
सरकार का रुख
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा –
“765 एकड़ तो दूर, 765 इंच जमीन की गड़बड़ी भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे कोई भी हो, कठोर कार्रवाई होगी।”
वर्तमान स्थिति
2 पटवारी निलंबित
18 पटवारियों का तबादला
जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त
लोन लेने वालों की जांच जारी
FIR दर्ज करने पर विचार