स्कूल जा रही 7 साल की बच्ची को पार्षद की गाड़ी ने रौंदा, मौके पर मौत समझौते के लिए पैसे का लालच देने का आरोप
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। सात वर्षीय बच्ची प्रगति देवार, जो अपने भाई-बहनों के साथ स्कूल जा रही थी, उसे तेज रफ्तार वैन ने कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा 6 अगस्त की सुबह हुआ, जिसने पूरे इलाके को शोक और आक्रोश में डुबो दिया।
हादसा पार्षद की वैन से, खुद चला रहा था वाहन
हादसा बिलाईगढ़ थाना क्षेत्र के इंद्रा मार्केट मेन रोड पर स्थित विनायक इंटरप्राइजेज के सामने हुआ। जिस वैन से बच्ची को टक्कर मारी गई, वह बिलाईगढ़ नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 13 के निर्दलीय पार्षद धनीराम देवांगन खुद चला रहे थे। बच्ची के परिजनों के अनुसार, पार्षद ने लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए यह दुर्घटना की।
भाई-बहनों के साथ जा रही थी स्कूल
मृतक प्रगति देवार, वार्ड क्रमांक 7 की निवासी थी और उस समय अपनी बहन हिमांशी और भाई परमेश्वर के साथ स्कूल जा रही थी। दुर्घटना के बाद घायल बच्ची को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप – इलाज में देरी और बचने की कोशिश
प्रगति के पिता सेतलाल देवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षद ने दुर्घटना के बाद बच्ची को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बजाय खुद को बचाने की कोशिश की। वहीं, परिजनों का कहना है कि पार्षद के सहयोगी इलाज के नाम पर सिर्फ बहाने बनाते रहे और समय गंवाया गया, जिससे बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी।
पैसे के लालच से समझौते का दबाव
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब बच्ची की मौत की पुष्टि हुई, तब पार्षद के पक्ष की ओर से समझौते के लिए पैसों का लालच भी दिया गया। इससे आक्रोशित परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने पार्षद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है और आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रभाव के चलते कार्रवाई में देरी की जा रही है।
मामला दर्ज, वाहन जब्त – गिरफ्तारी की मांग तेज
बिलाईगढ़ थाना प्रभारी शिव कुमार धारी ने जानकारी दी कि पार्षद धनीराम देवांगन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना में शामिल वैन को पुलिस ने जब्त कर लिया है और मामले की जांच जारी है। बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
हालांकि अब तक आरोपी पार्षद की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। सभी की एक ही मांग है — “बेकसूर बच्ची की मौत के जिम्मेदार को कानून के कठघरे में खड़ा किया जाए।”
