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हड़ताल का असर महूली स्वास्थ्य केंद्र पर ताला, गर्भवती महिलाएँ और बच्चे इलाज को परेशान

 

हड़ताल का असर महूली स्वास्थ्य केंद्र पर ताला, गर्भवती महिलाएँ और बच्चे इलाज को परेशान
ओड़गी/चांदनी बिहारपुर।

हड़ताल का असर महूली स्वास्थ्य केंद्र पर ताला, गर्भवती महिलाएँ और बच्चे इलाज को परेशान


ओड़गी/चांदनी बिहारपुर।
जिले में एनएचएम कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इसका सबसे बड़ा असर ओड़गी विकासखंड के दूरस्थ महूली आयुष्मान आरोग्य मंदिर उपस्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में साफ दिखाई दे रहा है। यहाँ बीते कई दिनों से ताले लटके हुए हैं और स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह से ठप पड़ी हैं।

गाँव की उम्मीदों पर ताला

महूली का स्वास्थ्य केंद्र गाँव के लोगों के लिए बड़ी उम्मीद का सहारा था। गर्भवती महिलाओं की नियमित जाँच, बच्चों का टीकाकरण और आम बीमारियों का इलाज यहीं होता था। लेकिन हड़ताल के चलते इन सभी सेवाओं पर ताला लग गया है। नतीजतन, ग्रामीणों को छोटी-सी बीमारी के लिए भी दूरस्थ जिला अस्पताल या महँगे निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है।

गर्भवती महिलाएँ और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित

स्वास्थ्य केंद्र बंद होने से गर्भवती महिलाओं को जाँच और दवाइयों के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं, बच्चों के टीकाकरण पर भी रोक लग गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो आने वाले समय में गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है।

गरीब ग्रामीणों की बढ़ी मजबूरी

महूली जैसे सुदूर क्षेत्र में रहने वाले लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं। उनके पास निजी अस्पतालों या क्लीनिकों में इलाज कराने के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं। अब मजबूरी में उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर जिला अस्पताल तक पहुँचना पड़ रहा है। इस वजह से समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है।

ग्रामीणों की माँग – तुरंत बहाल हों सेवाएँ

ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप कर स्वास्थ्य सेवाएँ बहाल करने की माँग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो गाँव में स्वास्थ्य संकट और गहराएगा।


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