अंबिकापुर से हवाई उड़ानों पर ब्रेक यात्री कमी बनी बड़ी वजह, यहां देखें पूरी खबर
अंबिकापुर, छत्तीसगढ़
अंबिकापुर, बिलासपुर और रायपुर को जोड़ने वाली हवाई सेवाएं एक बार फिर ठप हो गई हैं। फ्लाई बिग एयरलाइन द्वारा संचालित इन उड़ानों को यात्रियों की कमी के चलते अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। दो महीने से उड़ानें पूरी तरह रुकी हुई हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों और यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है।
फ्लाई बिग कंपनी ने इन रूट्स पर 9 सीटर छोटे विमानों से सेवाएं शुरू की थीं। शुरुआत में उम्मीद जताई जा रही थी कि यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करेगी, लेकिन समय के साथ यात्रियों की संख्या में लगातार गिरावट आई। यही कारण है कि सेवा पहले भी कई बार अस्थायी रूप से रोकी गई थी, और अब दो महीने से पूरी तरह बंद है।
कंपनी ने उड़ानों को स्थगित करने के पीछे खराब मौसम को कारण बताया है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि यात्रीभार की कमी और संचालन से जुड़ी अन्य चुनौतियां इसकी असली वजह हैं।
अंबिकापुर हवाई अड्डे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था, जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। उद्घाटन के बाद आमजन में यह उम्मीद जगी थी कि अंबिकापुर को नियमित हवाई सेवाओं से जोड़ने से व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में विकास को नई दिशा मिलेगी।
क्या सेवा स्थायी रूप से बंद होने जा रही है?
अब सवाल यह उठ रहा है कि यह सेवा अस्थायी रूप से बंद हुई है या कंपनी इसे स्थायी रूप से बंद करने की तैयारी में है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि यदि मौसम ही कारण है, तो जैसे ही स्थितियां सुधरें, उड़ानें पुनः शुरू की जाएं।
इसके पहले भी जगदलपुर और रायपुर के बीच हवाई सेवाएं दो कंपनियों द्वारा शुरू की गई थीं, जिन्हें यात्री संकट के कारण बंद करना पड़ा था। यह ट्रेंड दर्शाता है कि प्रदेश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं स्थायित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं।
स्थानीय विकास के लिए हवाई सेवा जरूरी
अंबिकापुर जैसे उभरते शहर के लिए हवाई सेवा सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि विकास की आवश्यकता बन चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, उच्च शिक्षा, व्यवसायिक विस्तार और आपातकालीन जरूरतों के लिए हवाई मार्ग बेहद उपयोगी हो सकता है।
अब यह देखना अहम होगा कि फ्लाई बिग कंपनी भविष्य में क्या रणनीति अपनाती है — क्या सेवा फिर से बहाल होगी, या यह प्रयास भी अधूरी उम्मीद बनकर रह जाएगा?