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Surajpur News जर्जर स्कूल भवन में बच्चों की पढ़ाई केवरा हाई स्कूल की दुर्दशा पर उठे सवाल देखें ख़बर

 

Surajpur News जर्जर स्कूल भवन में बच्चों की पढ़ाई केवरा हाई स्कूल की दुर्दशा पर उठे सवाल देखें ख़बर

Surajpur News जर्जर स्कूल भवन में बच्चों की पढ़ाई केवरा हाई स्कूल की दुर्दशा पर उठे सवाल देखें ख़बर 


Tv36 news live today सूरजपुर। जिले के विकासखंड अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल केवरा की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब यह बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गई है। कभी मजबूत दिखाई देने वाला यह भवन अब अपनी पहचान खो चुका है। दीवारों से प्लास्टर झड़ रहा है, छत टपक रही है और कक्षाओं में बैठना किसी अनहोनी को आमंत्रण देने जैसा है। इसके बावजूद यहां शिक्षा जारी है और मासूम बच्चे रोज़ाना अपनी जान जोखिम में डालकर कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं।

ग्रामीणों की चिंता – "कब ढह जाए, भरोसा नहीं"

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि भवन की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। गांव के लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक बच्चे इस खंडहरनुमा भवन में पढ़ाई करेंगे और विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार क्यों कर रहा है।

विभाग तक पहुंची शिकायत, कार्रवाई अब तक नहीं

स्थानीय लोगों ने कई बार शिक्षा विभाग को लिखित और मौखिक शिकायत दी, लेकिन अब तक न तो भवन की मरम्मत कराई गई और न ही बच्चों को सुरक्षित जगह पढ़ाई के लिए भेजा गया। ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन की उदासीनता बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ है।

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ी चिंता

गांव के समाजसेवी श्याम ने स्कूल की जर्जर हालत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जतानी शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ रही है।

मंत्री बोले – शिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

इसी बीच, रायपुर में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को मामले का संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

ग्रामीणों की अपील

ग्रामीणों और अभिभावकों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूल भवन की मरम्मत कराई जाए या फिर बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।


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