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प्रेमनगर और रामानुजनगर के सरपंच-सचिवों को बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने का प्रशिक्षण

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 प्रेमनगर और रामानुजनगर के सरपंच-सचिवों को बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने का प्रशिक्षण


जिला प्रशासन सूरजपुर की पहल पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत चल रहा अभियान


सूरजपुर, 2 अगस्त 2025 – सूरजपुर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिला कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन और जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के समन्वय से प्रेमनगर एवं रामानुजनगर विकासखंडों के समस्त सरपंचों एवं सचिवों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर बाल विवाह की रोकथाम हेतु जनप्रतिनिधियों को सशक्त और जागरूक बनाना है।


प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल ने कहा कि बाल विवाह आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में एक गंभीर सामाजिक बुराई के रूप में मौजूद है, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके भविष्य के लिए भी अत्यंत घातक है। उन्होंने कहा कि सरपंच और सचिव अपने-अपने पंचायतों में बाल विवाह की रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। चूंकि राज्य शासन द्वारा जनवरी 2025 में पंचायत सचिवों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है, इसलिए उनकी जिम्मेदारियाँ और भी बढ़ गई हैं।


कार्यशाला में सरपंचों और सचिवों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के कानूनी प्रावधानों, दोषियों पर की जाने वाली कानूनी कार्रवाई, विवाह पंजी अनिवार्यता, पलायन पंजी संधारण, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठकें तथा जन जागरूकता अभियान चलाने संबंधी विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही, बाल विवाह की सूचना प्रशासन तक तत्काल पहुँचाने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और महिला हेल्पलाइन 181 के उपयोग की जानकारी भी साझा की गई।


जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने सभी उपस्थित सरपंचों और सचिवों को शपथ दिलाई कि वे न सिर्फ अपने परिवारों में बाल विवाह नहीं करेंगे, बल्कि अपने ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए भी हरसंभव प्रयास करेंगे।


कार्यक्रम में जिला पंचायत के ए.पी.ओ. श्री शशि सिन्हा, महिला सशक्तिकरण की जिला समन्वयक श्रीमती शारदा सिंह, यूनिसेफ से श्री हितेश निर्मलकर, चाइल्ड लाइन से समन्वयक श्री जनार्दन यादव, तथा जिला बाल संरक्षण इकाई और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।


इस महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा जिले की 40% ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने हेतु प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जा रहा है, जिसमें कई सरपंचों ने अपने पंचायतों में बाल विवाह न होने की जानकारी दी है और ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर भेजने का आश्वासन दिया है।


जिला प्रशासन का यह कदम बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है, जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका निर्णायक सिद्ध हो सकती है।

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