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जिला प्रशासन ने पीएम आवास योजना में लापरवाही, दो पंचायत सचिव निलंबित
सूरजपुर (ब्रेकिंग) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लापरवाही बरतने और अनुशासनहीनता के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को जनपद पंचायत सूरजपुर के दो पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए सचिवों में ग्राम पंचायत कल्याणपुर के सचिव राजकुमार सिंह तथा ग्राम पंचायत बेलटिकरी और पीढा के सचिव संतोष विश्वकर्मा शामिल हैं। दोनों को निलंबन अवधि के दौरान जनपद पंचायत सूरजपुर मुख्यालय में अटैच किया गया है, जहां वे जांच के दायरे में रहेंगे।
समीक्षा बैठक में खुला मामला
जिला पंचायत सूरजपुर के सभाकक्ष में 26 सितंबर को आयोजित समीक्षा बैठक में यह मामला सामने आया। जांच में पाया गया कि –
कल्याणपुर पंचायत में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्वीकृत 180 आवासों में से मात्र 28 ही पूर्ण हुए, शेष 152 आवास अधूरे हैं।
बेलटिकरी व पीढा पंचायतों में स्वीकृत 210 आवासों में से केवल 70 का निर्माण हुआ, जबकि 140 आवास लंबित हैं।
दोनों सचिवों पर आरोप है कि उन्होंने निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण नहीं किया और समय पर लाभार्थियों को आवास दिलाने में लापरवाही की, जिससे योजना की
आदेश में उल्लेख किया गया है कि पंचायत सचिवों का आचरण –
छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम, 1998
छत्तीसगढ़ पंचायत (सचिव की शक्तियां एवं कृत्य) नियम, 1999
के प्रावधानों का उल्लंघन है, जो कदाचार की श्रेणी में आता है। दोनों को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1999 के तहत निलंबित किया गया है। इस अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी कि गरीबों के लिए शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी योजना उम्मीद की किरण है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से लाभार्थी परेशान होते हैं। जिला प्रशासन का यह कदम स्पष्ट संदेश है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों में भी जवाबदेही की भावना मजबूत होगी और पीएम आवास योजना की गति में सुधार आएगा।