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CG ससुर ने युवक और नाबालिग के साथ मिलकर किया दामाद का कत्ल

CG ससुर ने युवक और नाबालिग के साथ मिलकर किया दामाद का कत्ल

 

CG ससुर ने युवक और नाबालिग के साथ मिलकर किया दामाद का कत्ल


रायगढ़। CG NEWS घरघोड़ा थाना क्षेत्र के बरपाली गांव में हुए सनसनीखेज हत्या कांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महज दो दिनों में गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने मृतक के ससुर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से हत्या में प्रयुक्त धारदार टांगी और बांस का डंडा भी जब्त किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, मृतक बलराम सारथी (28 वर्ष) निवासी गाला पत्थलगांव का अपनी पत्नी हेमलता सारथी से लंबे समय से विवाद चल रहा था। विवाद बढ़ने के कारण हेमलता अपने बच्चों के साथ मायके बरपाली आ गई थी। इसी बीच 21 सितंबर को बलराम पत्नी और बच्चों से मिलने ससुराल पहुंच गया, लेकिन वहां लगातार विवाद की स्थिति बनी रही।

24 सितंबर को गांव में तब सनसनी फैल गई जब बरपाली निवासी पंचराम राठिया के घर की परछी में बलराम का लहूलुहान शव मिला। उसके सिर और चेहरे पर धारदार हथियार से गंभीर चोटों के निशान थे। प्रथम दृष्टया यह हत्या का मामला स्पष्ट हो गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी और थाना प्रभारी तमनार कमला पुसाम ठाकुर के नेतृत्व में जांच टीम गठित की। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड की मदद से जांच आगे बढ़ी। गवाहों के बयान और वैज्ञानिक साक्ष्यों ने मृतक के ससुर रामस्वरूप सारथी (56 वर्ष) पर शक गहरा दिया।

पुलिस पूछताछ में रामस्वरूप ने हत्या की वारदात कबूल कर ली। उसने बताया कि दामाद बलराम अक्सर उसकी बेटी से विवाद और मारपीट करता था। इससे परेशान होकर उसने बलराम को रास्ते से हटाने की साजिश रची और इसमें गांव के युवक देवनंदन राठिया (21 वर्ष) तथा एक अपचारी बालक को शामिल किया। तीनों ने मिलकर 24 सितंबर की रात बलराम को घर बुलाया और टांगी व डंडे से हमला कर उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद साक्ष्य मिटाने की भी कोशिश की गई।

पुलिस ने आरोपियों के मेमोरेंडम पर हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिए। आरोपियों के खिलाफ धारा 49, 238, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। रामस्वरूप सारथी और देवनंदन राठिया को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया, जबकि नाबालिग आरोपी को बाल न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।

मामले का खुलासा एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के सुपरविजन में किया गया। गुत्थी सुलझाने में उप निरीक्षक खेमराज पटेल, प्रधान आरक्षक पारसमणी बेहरा, आरक्षक हरीश पटेल, उधो पटेल और प्रहलाद भगत की अहम भूमिका रही।



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