मोबाइल चलाने से रोका तो छात्रा ने दी जान, बलरामपुर में दर्दनाक घटना से मचा हड़कंप
बलरामपुर-रामानुजगंज (छत्तीसगढ़): जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। कक्षा 10वीं की छात्रा ने कथित तौर पर अपने पिता की डांट से आहत होकर आत्महत्या कर ली। छात्रा का शव शनिवार को कुसमी थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 5 में स्थित एक पुराने कुएं में तैरता मिला। घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, मृतका नीलम कुमारी अपने छोटे भाई और माता-पिता के साथ रहती थी। शुक्रवार सुबह उसके पिता ने नीलम और उसके भाई को मोबाइल पर व्यस्त देखा तो दोनों को डांटते हुए कहा कि मोबाइल चलाना बंद करें और स्कूल जाने की तैयारी करें। पिता ने नीलम से खाना बनाने को भी कहा था। इसके बाद नीलम घर से निकल गई, लेकिन वह स्कूल नहीं पहुंची।
कुछ देर बाद जब वह घर नहीं लौटी तो उसके भाई ने तलाश शुरू की। परिवार ने गांव में खोजबीन की, तभी नीलम की बड़ी मां ने बेलगढ़ के पास एक जर्जर कुएं के किनारे उसकी चप्पल देखी। शक होने पर जब कुएं की तलाशी ली गई, तो नीलम का शव अंदर तैरता मिला। परिजनों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकाला।
कुसमी थाना पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। पुलिस का कहना है कि परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
घटना के बाद पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। नीलम के माता-पिता और भाई का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में भी इस घटना के बाद शोक का माहौल है। लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि एक मामूली डांट से आहत होकर नीलम ने इतना बड़ा कदम क्यों उठा लिया।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मोबाइल की लत और पारिवारिक संवाद की कमी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर कितना असर डाल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभिभावकों को बच्चों से संवाद बढ़ाने और उनकी भावनाओं को समझने की जरूरत है, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।