सूरजपुर में मधुमक्खियों का आतंक, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों में दहशत
सूरजपुर/जिले के जनपद पंचायत सूरजपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बसदेई इन दिनों मधुमक्खियों के बढ़ते आतंक से जूझ रही है। गांव में स्थित एक पीपल के विशाल पेड़ पर बने बड़े मधुमक्खी छत्ते ने स्थानीय ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और राहगीरों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। पिछले कुछ दिनों में मधुमक्खियों के हमले से कई लोग घायल हो चुके हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
राहगीरों और बच्चों पर हमला, बढ़ी चिंता
ग्रामवासियों के अनुसार, मधुमक्खियों के झुंड ने कई राहगीरों, ग्रामीणों सहित स्कूल जाने वाले बच्चों पर हमला किया है। अचानक हुए इन हमलों ने लोगों को सतर्क कर दिया है। ग्रामीण बताते हैं कि रोजाना सुबह-शाम बच्चे इसी रास्ते से स्कूल आते-जाते हैं, ऐसे में किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
भीड़भाड़ वाले इलाके में मंडराता अंजाना सा खतरा
जिस पीपल के पेड़ पर मधुमक्खियों का बड़ा जमावड़ा बना हुआ है, वह क्षेत्र गांव का सबसे व्यस्त इलाका माना जाता है। पेड़ के पास मंदिर और स्कूल होने के कारण यहां दिनभर लोगों की आवाजाही बनी रहती है। संवेदनशील स्थान पर बना यह छत्ता किसी भी क्षण गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है।
ग्राम पंचायत और स्कूल प्रबंधन की उदासीनता पर ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार पंचायत और स्कूल प्रबंधन को इस गंभीर समस्या से अवगत कराया, लेकिन जिम्मेदारों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
लोगों का कहना है कि जब समस्या छोटी थी, तब कार्रवाई की जाती तो हालात इतने बिगड़ते नहीं। पंचायत की निष्क्रियता और लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
प्रशासन को चेतावनी, जल्द समाधान की मांग
ग्रामवासियों ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि समय रहते प्रशासन या पंचायत द्वारा मधुमक्खियों के छत्ते को हटाने या सुरक्षित तरीके से स्थानांतरित करने का उपाय नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो इसकी सीधी जिम्मेदारी पंचायत और स्थानीय प्रशासन की होगी।
ग्रामीणों की मांग
पेड़ पर मौजूद बड़े छत्ते को विशेषज्ञों की मदद से हटाया जाए।
स्कूल और मंदिर परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
प्रशासन तत्काल कार्रवाई कर लोगों में फैले डर को दूर करे।
ग्राम पंचायत बसदेई में फैले मधुमक्खियों के आतंक ने गांव के सामान्य जीवन को प्रभावित कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर खतरे से निपटने क्या कदम उठाता है।

