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बर्तन दुकान में चोरी का पर्दाफाश CCTV से आरोपी गिरफ्तार, बर्तन व नगदी बरामद

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 बर्तन दुकान में चोरी का पर्दाफाश CCTV से आरोपी गिरफ्तार, बर्तन व नगदी बरामद




धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप चौक पर हुई एक बड़ी लूट की घटना का पुलिस ने प्रभावी तरीके से खुलासा कर लिया है। मां सरस्वती बर्तन दुकान में हुई डकैती मामले में पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया है। सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना कैद हो गई है. अहम भूमिका प्रारंभिक और आधारभूत की पहचान और अपराधी को संभव बनाया गया।



चोरी की यह घटना 25 जुलाई की रात को हुई, जब दुकान मालिक अंकित कुमार गुप्ता शाम करीब साढ़े सात बजे किसी पारिवारिक काम से अपनी दुकान बंद कर गए थे। दुकान के तय समय से पहले बंद होने का फायदा उठाकर बदमाशों ने सामान चुरा लिया। आरोपियों ने रात के अंधेरे में दुकान का शटर तोड़ दिया और अंदर घुसकर कैश बॉक्स में रखी नकदी समेत बर्तन चुरा लिए, जो दो बोरियों में भरे हुए थे।


घटना का खुलासा: सीसीटीवी बनाने के सबूत का पुख्ता सबूत अगली सुबह जब अंकित गुप्ता दुकान पर आए, तो उन्होंने देखा कि शटर और बोल्ट टूटा हुआ है। अंदर जाकर जाँच करने पर, उन्होंने पाया कि दो बोरों में रखे स्टील के बर्तन, जिनकी कीमत लगभग ₹10,000 आंकी गई थी, और कैश बॉक्स में रखे ₹15,000 गायब थे। उन्होंने तुरंत पुलिस थाने में सूचना दी। धरमजयगढ़ आकर रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और सीसीटीवी फुटेज की जाँच शुरू कर दी।




सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग में एक संदिग्ध व्यक्ति दुकान में इधर-उधर घूमता और फिर शटर तोड़कर अंदर घुसता साफ़ दिखाई दे रहा था। आरोपी ने पूरी योजना के मुताबिक़ डकैती को अंजाम दिया था, लेकिन उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उसका चेहरा कैमरे में कैद हो गया है।


पूछताछ के दौरान, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज अपने सोर्स नेटवर्क से साझा की। जल्द ही जानकारी मिली कि संदिग्ध प्रकाश उर्फ सागर सारथी है, जो धरमजयगढ़ के वार्ड क्रमांक 4, तुर्रापारा का निवासी है। पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित की और आरोपी को उसके घर से हिरासत में ले लिया। पूछताछ शुरू होने के दौरान वह चुप रहा और फिर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।


आरोपी की दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसके पास से पाँच बड़ी और पाँच छोटी स्टील की प्लेटें और ₹2000 नकद बरामद किए। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने बाकी ₹13,000 पहले ही निकाल लिए थे और डर के मारे उन्होंने चोरी किए गए कुछ बर्तन मंढ नदी के पुल से नीचे फेंक दिए। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुल के नीचे झाड़ियों से कुछ और बर्तन बरामद किए। इन सभी चीज़ों की पहचान गवाहों के सामने की गई और उन्हें ज़ब्त कर लिया गया।




धरमजयगढ़ पुलिस ने आरोपी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस की तत्परता, तकनीकी संसाधनों का उपयोग और स्थानीय गवाह तंत्र की सक्रियता ने इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में सीसीटीवी कैमरे अब बदमाशों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं। अगर व्यवसायी अपने परिसर में कैमरे लगा दें, तो न केवल चोरी और डकैती जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है, बल्कि बल्की होने पर अपराधियों को जल्द पकड़ने में सहायता भी मिलती है।



दुकानदार अंकित गुप्ता ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि चोरी के कुछ ही दिनों के अंदर आरोपी पकड़े जाएंगे और चोरी का सामान बरामद हो जाएगा। यह पुलिस और तकनीक की सतर्कता के कारण संभव हुआ।"



यह घटना धरमजयगढ़ और आसपास के व्यापारियों के लिए एक सबक है कि दुकानों, गोदामों या कार्यस्थलों जैसी जगहों पर सुरक्षा उपकरणों का होना कितना ज़रूरी है। इस डकैती की घटना में, अगर दुकान में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा होता, तो आरोपियों की पहचान करना बेहद मुश्किल होता।




अब समय आ गया है कि छोटे व्यापारी भी सुरक्षा के प्रति गंभीर हों। सीसीटीवी कैमरों की नियमित निगरानी, फिल्म का बैकअप, दुकान में सुरक्षा सावधानी जैसे उपाय चोरी की घटनाओं को रोकने में मददगार हो सकते हैं।





इस मामले में, पुलिस की भूमिका केवल जाँच तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने लोगों की मदद और तकनीकी सहायता से एक कारगर रणनीति बनाई। थाना प्रभारी सहित पूरी टीम ने अत्यंत धैर्य और सूझबूझ के साथ काम किया और आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ़्तारियाँ की गईं और अधिकांश चोरी का माल बरामद कर लिया गया। ऐसे मामलों में खुला सहयोग भी बेहद ज़रूरी है - संसाधनों की भूमिका और नागरिकों की जागरूकता ही अपराध को रोक सकती है।


पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर समय पर सूचना दी जाए और तकनीकी संसाधनों का सही इस्तेमाल किया जाए, तो किसी भी अपराध को रोका जा सकता है। स्थानीय जनता और व्यापारियों को पुलिस के साथ मिलकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए, ताकि इस तरह के उल्लंघन दोबारा न हों।

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